विंबलडन: क्वॉलिफायर खिलाड़ी से हारे नडाल

लंदन

वर्ल्ड हाइयस्ट रैंकिंग प्राप्त खिलाड़ी और दो बार के चैंपियन, स्पेन के राफेल नडाल को साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम विंबलडन के दूसरे दौर में क्वॉलिफायर खिलाड़ी के हाथों सन्न कर देने वाली हार का सामना करना पड़ा है। वर्ष 2008 और 2010 में विंबलडन का ताज पहनने वाले नडाल को गुरुवार को 102वें रैंकिंग प्राप्त क्वॉलिफायर खिलाड़ी जस्टिन ब्राउन के हाथों 5-7, 6-3, 4-6, 4-6 से हार मिली।

जमैका में जन्मे जर्मनी निवासी ब्राउन ने 30 की उम्र में पहली बार सेंटर कोर्ट पर कोई मैच खेला। ग्रैंड स्लैम आयोजनों में 29 साल के नडाल की यह किसी क्वॉलिफायर खिलाड़ी के हाथों पहली हार है लेकिन यह चौथा मौका है जब वह ऑल इंग्लैंड क्लब में कम मशहूर खिलाड़ियों के हाथों हारकर बाहर हुए हैं। बीते साल हाल में मौजूदा समय में विश्व के 10वें वरीयता प्राप्त खिलाड़ी नडाल को हराने वाले ब्राउन ने इसे अपने करियर की अब तक की सबसे बड़ी जीत करार दिया। ब्राउन ने कहा, ‘मेरे लिए इस मुकाबले में उतरना आसान था क्योंकि मेरे पास कुछ खोने को नहीं था। अच्छी बात यह है कि मैंने अपना श्रेष्ठ खेल दिखाया और किस्मत ने भी मेरा साथ दिया।’

टेनिस स्टार राफेल नडाल ने लगातार चौथी बार विंबलडन से बाहर होने के बावजूद कहा है कि टेनिस छोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है। दो बार के विंबलडन चैंपियन 29 वर्षीय स्पेन के राफेल नडाल को साल के सबसे महत्वपूर्ण ग्रैंडस्लैम के दूसरे दौर में विश्व रैंकिंग में 102वें स्थान पर काबिज जर्मनी के डस्टिन ब्राउन ने कल यहां 7-5, 3-6, 6-4, 6-4 से हराकर उनको टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा दिया। नौ बार के फ्रेंच ओपन चैंपियन नडाल इससे पहले 2012 में विश्व रैंकिंग में 100वें स्थान पर काबिज लुकास सोलो से दूसरे दौर में, 2013 में स्टीव डार्किस से पहले दौर में जबकि पिछले साल निक किरगियोस से चौथे दौर में हारकर इस ग्रैंडस्लैम से बाहर हो गये थे।

नडाल ने कहा, ‘मैं हार गया। स्पष्ट तौर पर उसके लिए दुखी हूं।’ उन्होंने कहा कि यह खेल है, अच्छे और बुरे दौर आते हैं। नडाल ने साथ ही विश्वास जताते हुए कहा, ‘मैं खेलना जारी रखूंगा। यह अंत नहीं है। जीवन और मेरा करियर चलता रहेगा। मुझे और खेलना होगा और इस स्थिति को बदलने के लिए पहले से ज्यादा मेहनत करनी होगी।’

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Navbharat Times