वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय इन 5 बातों का रखें ध्यान
|बढ़ती उम्र के साथ हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत भी बढ़ती जाती है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक कष्ट और बीमारियां भी बढ़ने लगती हैं जिन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। यदि आपकी उम्र 45 साल से ज्यादा है तो इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा आपके स्वास्थ्य की जांच को अनिवार्य माना जाता है और 60 से ज्यादा उम्र होने पर इंश्योरेंस के विकल्प सिकुड़ने लगते हैं।
कम उम्र में ही हेल्थ इंश्योरेंस ले लेने से और नियमित रूप से उसे रिन्यू करते रहने से, आप बढ़ती उम्र के साथ भी उसका लाभ उठा सकते हैं। पूरा क्लेम पाना, सह-भुगतान का कोई वादा नहीं या नए आवेदकों के लिए अत्यधिक प्रीमियम से बचना, इन सब बातों पर ध्यान देना जरूरी है।
यदि आपके माता-पिता ने कोई इंश्योरेंस प्लान नहीं लिया है तो आपको उनके लिए तुरंत एक उपयुक्त हेल्थ इंश्योरेंस लेने पर विचार करना चाहिए। हालांकि, बाजार में इसके लिए बहुत कम विकल्प मौजूद हैं, लेकिन फिर भी आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखते हुए उनके लिए एक अच्छी पॉलिसी ले सकते हैं जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
पॉलिसी की विशेषताओं पर ध्यान दें
वरिष्ठ नागरिकों को अधिक कवरेज, फ्लेक्सिबिलिटी और सपॉर्ट की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस चाहिए होता है जिसमें ढेर सारी सुविधाएं हों। हार्ट की समस्या, कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों के लिए कोई सह-भुगतान शर्त नहीं होनी चाहिए। पॉलिसी में दी जाने वाले रूम सुविधा, ऊंचे दर्जे की होनी चाहिए। बिना किसी ऊपरी आयु सीमा प्रतिबन्ध के पॉलिसी को रिन्यू किया जा सकता हो, क्योंकि कुछ पॉलिसी में 70 साल की सीमा होती है, इसलिए ऐसी पॉलिसियों से बचेंने की कोशिश करें। हेल्थ इंश्योरेंस में एयर एम्बुलेंस सपॉर्ट, डे केयर कवर, ओपीडी कवर, जैसी सुविधाओं के रहने पर, वरिष्ठ नागरिक के लिए यह काफी मददगार साबित हो सकता है।
पहले से मौजूद बीमारियां या कष्ट
अधिकांश हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां, पहले से मौजूद बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति को कवरेज देने की इच्छुक नहीं होती हैं। पहले से मौजूद बीमारियों का मतलब है कि एक व्यक्ति एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले से ही किसी बीमारी या कष्ट से पीड़ित है। इसमें कैंसर या डायबिटीज, हाई-ब्लड प्रेशर या अस्थमा जैसी बीमारियां शामिल हैं। पॉलिसी लेने से पहले से किसी बीमारी से पीड़ित होने पर वरिष्ठ नागरिकों को एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने में बड़ी कठिनाई होती है। लेकिन फिर भी ऐसी कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां हैं जो कवरेज दे सकती हैं यदि वह बीमारी बहुत गंभीर या आवधिक न हो। एक वरिष्ठ नागरिक के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, उनकी बीमारियों या शारीरिक कष्ट के बारे में अच्छी तरह जान लेना चाहिए ताकि क्लेम रिजेक्ट होने से बचा जा सके।
पॉलिसी के अंतर्गत बीमे की रकम
वरिष्ठ नागरिकों को जवान लोगों की तुलना में स्वास्थ्य सम्बन्धी जोखिम अधिक होने की संभावना रहती है। इसलिए, उनके लिए पर्याप्त कवरेज वाला हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है। कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां, वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वीकृत अधिकतम हेल्थ कवरेज के लिए एक सीमा निर्धारित करती हैं। इसलिए वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, सबसे पहले उनकी मौजूदा बीमारियों और भावी जोखिमों का पता लगाने की कोशिश करें ताकि उनके लिए आवश्यक सटीक हेल्थ कवरेज का पता लगाया जा सके।
हमेशा वही इंश्योरेंस प्लान लेने की कोशिश करें जो हेल्थ कवरेज को बढ़ाने की सुविधा प्रदान करता हो। हेल्थ इंश्योरेंस टॉप-अप जैसी सुविधाओं के बारे में जानना भी जरूरी है। क्योंकि यह वर्तमान उपलब्ध सीमा के अलावा अतिरिक्त कवरेज प्रदान करता है। यहां जानने लायक एक दिलचस्प बात यह है कि आप अपने वर्तमान नियोक्ता के साथ अपने इंश्योरेंस के लाभों को नौकरी बदलते समय अगले नियोक्ता के पास स्थानांतरित कर सकते हैं। बस नई नौकरी ज्वाइन करने से पहले इंश्योरेंस कंपनी को इसके बारे में सूचित करना पड़ता है ताकि आप बिना किसी प्रतीक्षा अवधि के उसी इंश्योरेंस कंपनी के साथ अपना इंश्योरेंस जारी रख सकें। क्योंकि जब आप एक नई कंपनी ज्वाइन करते हैं तब हेल्थ इंश्योरेंस प्राप्त करने के योग्य बनने से पहले आपको कुछ समय तक इंतजार करना पड़ता है। और इस प्रतीक्षा अवधि के दौरान भी आपके और आपके परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस बहुत जरूरी होता है।
फ्लोटर पॉलिसी बनाम व्यक्तिगत पॉलिसी
फ्लोटर पॉलिसी और व्यक्तिगत पॉलिसी में से किसी एक चुनने का फैसला करते समय आपको बहुत सावधान रहना चाहिए। फ्लोटर पॉलिसी के अंतर्गत, सबसे ज्यादा उम्र वाले सदस्य की उम्र के आधार पर प्रीमियम निर्धारित किया जाता है। किसी भी बीमित सदस्य द्वारा फ्लोटर पॉलिसी के अंतर्गत इंश्योरेंस का क्लेम किए जाने के बाद, उस पॉलिसी के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले कवरेज की रकम उस हद घट जाती है और शेष सदस्यों को निकाली गई रकम तक स्वास्थ्य जोखिम का सामना करना पड़ता है।
वरिष्ठ नागरिकों के बीमार पड़ने की ज्यादा संभावना रहती है, इसलिए उन्हें एक साल में कई बार हेल्थ इंश्योरेंस की मदद की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय फ्लोटर पॉलिसी के बजाय व्यक्तिगत हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए।
प्रतीक्षा अवधि के बारे में जान लें
प्रतीक्षा अवधि, बीमित व्यक्ति को एक निश्चित समयावधि तक, ख़ास तौर पर पहले से मौजूद बीमारियों के मामले में, जोखिम का कवरेज पाने से रोके रखती है। प्रतीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद, बीमित व्यक्ति, आवश्यक इंश्योरेंस कवरेज पाने के योग्य बन जाता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए पहले से मौजूद बीमारियों के लिए प्रतीक्षा अवधि, 1 से 4 साल तक की होती है। इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, ऐसी पॉलिसी लेने की कोशिश करें जिसमें पहले से मौजूद बीमारियों के लिए प्रतीक्षा अवधि, सबसे कम हो।
वरिष्ठ नागरिकों को घुटने बदलवाने, प्रोस्टेट संबंधी बीमारी इत्यादि जैसी समस्याओं के इलाज की जरूरत पड़ सकती है लेकिन इंश्योरेंस कंपनियां आम तौर पर एक निश्चित प्रतीक्षा अवधि के बाद ही ऐसी समस्याओं के इलाज का पैसा देती हैं। इसलिए आपको कम से कम प्रतीक्षा अवधि के साथ अधिक से अधिक जोखिम कवरेज देने वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए।
यदि आप सीधे किसी इंश्योरेंस कंपनी से वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रहे हैं तो आपको बहुत ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है, साथ में सह-भुगतान की शर्त हो सकती है, पहले से मौजूद बीमारियों के लिए प्रतीक्षा अवधि की शर्त भी हो सकती है और आपको कुछ मेडिकल चेकअप भी करवाने पड़ सकते हैं। कई बैंक अपने ग्राहकों को विशेष पॉलिसी प्रदान करने के लिए विशिष्ट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के साथ गठबंधन करके रखते हैं। ऐसी पॉलिसी, ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम के अंतर्गत आती है, इसलिए प्रीमियम काफी कम होता है। आपको लंबी प्रतीक्षा अवधि के बिना और पहले से मौजूद बीमारियों के साथ भी हेल्थ इंश्योरेंस मिलता है।
दूसरी तरफ, एक बैंक के माध्यम से पॉलिसी खरीदने से नुकसान भी हो सकता है क्योंकि ये आपको एक ऐसी परिस्थिति में डाल सकते हैं जहां बैंक और इंश्योरेंस कंपनी के बीच का गठबंधन समाप्त होने के कारण आप कम दर पर अपनी पॉलिसी को रिन्यू करने में सक्षम नहीं भी हो सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों को जवान लोगों की तुलना में हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत ज्यादा पड़ती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस में पहले से मौजूदा बीमारियों का खर्च, दांत के इलाज या चश्मा/ लेंस का खर्च, पॉलिसी लेने से 30 दिन के भीतर होने वाली बीमारियों का खर्च, खुद को पहुंचाई गई चोट या नशे के इलाज का खर्च इत्यादि नहीं मिलता है।
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