लक्ष्मी विलास बैंक ने नोटबंदी के दौरान 450 करोड़ रपये फंसे कर्ज की प्राप्ति की

चेन्नई, 19 जनवरी :: निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक :एलवीबी: ने नोटबंदी के दौरान 450 करोड़ रपये फंसे कर्ज को समय से पहले प्राप्त किया। केंद्र ने नवंबर में नोटबंदी की घोषणा की थी।

लक्ष्मी विलास बैंक के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी पार्थसारथी मुखर्जी ने यहां कहा, बैंकों के साथ काम करने वाले तबकों के लिये खासकर जब से नोटबंदी की घोषणा की गयी, यह दिलचस्प तिमाही रही। हमारे पास बताने के लिये कुछ सकारात्मक और नकारात्मक बातें हैं।

उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2016 को समाप्त तिमाही में चालू खाता, बचत खाता अनुपात :कासा: में उल्लेखनीय सुधार हुआ। हमने देखा कि कुछ फंसे कर्ज को समय से पहले भुगतान किया गया। यह करीब 450 करोड़ रपये है।

वहीं नकारात्मक खबर यह है कि बड़ी राशि के नोटों को चलन से वापस लेने से बैंक की रिण वृद्धि प्रभावित हुई।

बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में 70.1 प्रतिशत बढ़कर 78.38 करोेड़ रपये रहा जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 46.07 करोड़ था।

बैंक की आय आलोच्य तिमाही में 21.60 प्रतिशत बढ़कर 879.26 करोड़ रपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 723.05 करोड़ रपये थी।

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