रोटोमैक लोन घोटाला: दो कंपनियों को नीलाम कर की जाएगी वसूली

इलाहाबाद
नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद बेंच (एनसीएलटी) ने कानपुर के कारोबारी विक्रम कोठारी की दो कंपनियों को नीलाम करने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में रोटोमैक ग्लोबल और रोटोमैक एक्सपोर्ट कंपनियों की नीलामी का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल ने अनिल गोयल को लिक्विडेटर नियुक्त करते हुए तीस दिनों में नीलामी की कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है। लिक्विडेटर को कर्मचारी यूनियन समेत सभी स्टेक होल्डर्स से बात करने और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अधिकृत किया गया है।

गौरतलब है कि विक्रम कोठारी की दोनों कंपनियों पर बैंकों का करीब चार हजार करोड़ रुपये बकाया है। कारोबारी विक्रम कोठारी पर कई बैंकों से कर्ज लेकर चुकता न करने के गम्भीर आरोप हैं। इस मामले में बैंकों के कर्ज के भुगतान को लेकर 180 दिनों की समय सीमा 19 मार्च को समाप्त हो गई थी। जिसके बाद रिजोल्यूशन प्रफेशनल्स ने कर्ज की अदायगी के लिए 90 दिन की समय सीमा बढ़ाने से इंकार कर दिया था। बैंक आफ बड़ौदा की ओर से ट्रिब्यूनल की इलाहाबाद बेंच में दोनों कंपनियों को दिवालिया घोषित करने को लेकर ऐप्लीकेशन दायर किया गया था। जिसके बाद एनसीएलटी ने यह आदेश जारी किया है।

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रोटोमैक के निदेशकों ने बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई अन्य बैंकों से लोन लिया था। 20 फरवरी को सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी मालिक विक्रम कोठारी के घर और ऑफिस में छापेमारी की थी। जिसके बाद एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने विक्रम कोठारी के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग का केस भी दर्ज किया था। सीबीआई ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, इसके डायरेक्टर विक्रम कोठारी, साधना कोठारी, राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर केस दर्ज किया है।

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