रेल यात्रा में छूट के लिए मरीजों को मिलेगा पहचान पत्र
| रेल मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मरीजों को मिलने वाली रियायती सुविधाओं के दुरुपयोग के कई मामले सामने आए हैं, यह न सिर्फ रेलवे के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि वास्तविक यात्री इस तरह के टिकटों के लाभ से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों को मिलने वाली छूट को फर्जी तरीके से डॉक्टर का सर्टिफिकेट दिखाकर हड़पा जा रहा है। अब रेलवे विशिष्ट पहचान पत्र जारी करने से पहले डॉक्टर का नाम, उसका रजिस्ट्रेशन नंबर और अन्य जरूरी जानकारियों की पड़ताल करेगा। इसके लिए जांच पड़ताल की व्यवस्था को मजबूत बनाया गया है, ताकि रियायती सुविधाओं के दुरुपयोग को रोका जा सके और सिर्फ जरूरतमंद व्यक्तियों को लाभ मिले। पहचान पत्र में एक नंबर होगा जिसका इस्तेमाल ई-टिकटों की बुकिंग के लिए भी किया जा सकेगा।
मरीजों को विभिन्न किस्म की रियायत उल्लेखनीय है कि रेलवे कुछ खास किस्म की बीमारी के मरीजों को रेल यात्रा में विभिन्न किस्म की रियायत देता है। जैसे कैंसर के मरीजों को अकेले या एक सहयोगी के साथ निश्चित समय पर चेकअप कराने के लिए स्लीपर और एसी-3 में यात्रा करने में 100 पर्सेंट, एसी चेयर कार में 75 पर्सेंट और एसी फर्स्ट एवं एसी टू में 50 पर्सेंट रियायत मिलती है। इसके अलावा थैलीसिमिया, टीबी, कुष्ठ रोगियों के मरीजों, हार्ट सर्जरी और ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन के ऑपरेशन के लिए यात्रा करने वालों को भी ट्रेन यात्रा में अलग-अलग रियायत मिलती है।
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