रेलवे स्टाफ की असफलता की वजह से होते हैं सबसे ज्यादा हादसे: रिपोर्ट
|बीते दो महीनों में तीन बड़े रेल हादसों को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं। इस बीच रेल मंत्रालय के समक्ष पेश की गई सेफ्टी रिपोर्ट में कहा गया है कि रेल हादसों और ट्रेनों के पटरी से उतरने के लिए रेलवे स्टाफ की लापरवाही जिम्मेदार है। इन हादसों में बड़े पैमाने पर लोगों की जानें गई हैं और तमाम लोग घायल हुए हैं। पिछले साल 6 दिसंबर को कानपुर में हुए रेल हादसे के बाद रेलवे ने सेफ्टी को लेकर एक टास्क फोर्स का गठन किया था। इस भीषण हादसे में 151 लोगों की मौत हो गई थी।
रेलवे के सुरक्षा उपायों से जुड़े सीनियर अधिकारी भी इस समिति में शामिल थे। इस समिति ने पिछले रेल हादसों के डेटा जुटाए और उनका विश्लेषण किया। हाल ही में रेलवे को सौंपी गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकतर 50 से 60 पर्सेंट रेल हादसों के पीछे मानवीय चूक वजह होती है। सबसे ज्यादा मौतें ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण होती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रैक में कमी के चलते भी यह हादसे होते हैं। रेल की पटरियों का सही रखरखाव न किए जाने की वजह से यह समस्या बढ़ गई है।
रिपोर्ट में रेल हादसों के लिए पटरियों के फ्रैक्चर और वेल्डिंग में कमी को भी जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में रेल और ट्रैक्स के नियमित रखरखाव का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में मैन्युअल काम की बजाय तकनीक पर अधिक भरोसा जताने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘पटरियों का लगातार निरीक्षण करना कठिन काम है और इसे जितना संभव हो ऑटोमेटिक बनाने की कोशिश की जानी चाहिए। हमें पटरियों के जजमेंट के लिए कर्मचारियों पर निर्भरता कम करनी होगी।’
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