रेटिंग एजेंसियों की मौजूदा स्थिति से खुश नहीं : सेबी प्रमुख
|पूंजी बाजार नियामक ने क््रुेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिये उनके खुलासा नियमों को और सख्त किया है, इसके कुछ ही दिन बाद सेबी प्रमुख ने यह नाराजगी जताई है। क््रुेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा रिण बोझा तले दबी कंपनियों के मामले में रेटिंग कारवाई में देरी को लेकर चिंता जताये जाने के बीच यह घटनाक््रुम हुआ है।
त्यागी ने एक सवाल के जवाब में कहा, हम एक महीने के भीतर परिचर्चा पत्र लेकर आ रहे हैं। उनसे पूछा गया था कि यदि रेटिंग एजेंसियां उसके नये सख्त नियमों का अनुपालन नहीं करतीं हैं तो सेबी ऐसी स्थिति से किस प्रकार निपटेगा।
नियायमक ने हालांकि यह भी कहा कि चीजों को अंतिम रूप देने से पहले सभी संबद्ध पक्षों के विचारों पर गौर किया जायेगा।
क््रुेडिट रेटिंग एजेंसियों को सख्त संदेश देते हुये सेबी चेयरमैन ने कहा, क््रुेडिट रेटिंग एजेंसियों की जो मौजूदा स्थिति है उससे हम खुश नहीं हैं।
क््रुेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा कंपनियों द्वारा जारी बॉंड परिपता भुगतान में असफल रहने के मामले में सीमित रूप से ही चेतावनी जारी की गई, इन मुद्दों को लेकर एजेंसियों को कड़ी आलोचना झोलनी पड़ी है।
सेबी ने पिछले सप्ताह ही क््रुेडिट रेटिंग एजेंसियों को सही समय पर और कर्ज पर सही रेटिंग देने के लिये कंपनियों के शेयर मूल्यों में उतार चढ़ाव सहित उनकी विाीय स्थिति पर पूरी सक््िरुयता के साथ नरज रखने को कहा था। इसके साथ ही सेबी ने क््रुेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिये खुलासा जरूरतों में भी वृद्धि की है।
भाषा
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