रिश्वत नहीं दी तो काटने लगे सोसायटी की बिजली
|नोएडा के सेक्टर- 47 जलवायु टावर सोसायटी में विद्युत निगम के कर्मचारियों के भ्रष्टाचार का अनोखा मामला सामने आया है। आरोप है कि सोसायटी के लोगों ने कर्मचारियों को रिश्वत देना बंद किया तो उन्होंने 6 से 8 घंटे बिजली कटौती शुरू कर दी। इससे सोसायटी के लोगों को परेशानी हो रही है। सोसायटी की आरडब्ल्यूए के बार-बार निवेदन करने के बाद भी कर्मचारी नहीं मान रहे हैं। अब आरडब्ल्यूए ने मामले की शिकायत सेक्टर-108 स्थित एसडीओ कार्यालय में की है।
जलवायु टावर में 400 से अधिक फ्लैटों में दो हजार से अधिक लोग रहते हैं। इसमें अधिकांश लोग सेना से सेवानिवृत है। आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष सेवानिवृत ब्रिगेडियर तेजेंद्र सिंह का आरोप है कि बीते 8 महीने से विद्युत निगम के कर्मचारी बेहतर सप्लाई के लिए सुविधा शुल्क ले रहे हैं। कर्मचारी को महीने में आठ से दस हजार रुपये यहां से दिए जाते हैं। इसका सोसायटी के पास सबूत भी है। सोसायटी के रजिस्टर व बाउचर में इसका रेकॉर्ड भी है। प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद लगा है कि बिजली विभाग में रिश्वतखोरी कम होगी और बेहतर सप्लाई मिलेगी।
सोसायटी ने पिछले दो महीने से सुविधा शुल्क देना बंद कर दिया। पिछले दो महीने से सोसायटी में लोकल फॉल्ट और ब्रेकडाउन के नाम पर भारी बिजली कटौती होने लगी। कई दिन तो रातभर बिजली गुल रही है। निगम कर्मचारी से सप्लाई शुरू करने और बेहतर सप्लाई की मांग करते हैं तो कर्मचारी बदतमीजी से बात करते हैं और आरडब्ल्यूए के स्टाफ को धमकी देते हैं।
महासचिव मनीष शुक्ला ने बताया कि गोलू और फिरोज नाम के दोनों कर्मचारी कुछ ज्यादा परेशान कर रहे हैं। हर कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है। कर्मचारियों की हरकत से तंग आकर एसडीओ से उक्त मामले की शिकायत की है। एसडीओ विनय कुमार ने कहा कि मामले में सुनवाई के लिए आरडब्ल्यूए और लाइनमैन को सोमवार को कार्यालय बुलाया गया है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद लाइनमैन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस बारे में विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता प्रिंस कुमार गौतम ने कहा कि रिश्वत के मामले की जानकारी नहीं है। आरडब्ल्यूए की शिकायत पर अवश्य कार्रवाई की जाएगी। दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
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