राहुल गांधी ने की मोदी की आर्थिक नीतियों की आलोचना
|वाशिंगटन, 12 सितंबर भाषा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों की आज आलोचना करते हुए कहा कि नोटबंदी का निर्णय अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा था और इससे सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी को दो प्रतिशत तक नुकसान हुआ है।
गांधी दो सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर आये हुए हैं और वह समकालीन भारत एवं वि के सबसे बड़े लोकतंत्र का भविष्य मुद्दे पर बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के छात्रों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आठ नवंबर का नोटबंदी का फैसला मुख्य आर्थिक सलाहकार या संसद की सलाह के बिना लिया गया था और इससे अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी से देश को भयानक कीमत चुकानी पड़ी है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, भारत के बेमिसाल संस्थागत ग्यान को नजरअंदाज कर इस तरह का निर्णय लेना मूर्खतापूर्ण और खतरनाक है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत में हर रोज 30 हजार नये युवा श्रम बाजार में पहुंच रहे हैं जबकि सरकार प्रति दिन के हिसाब से रोजगार के महज 500 अवसर मुहैया करा पा रही है।
उन्होंने कहा, आर्थिक वृद्धि में गिरावट से आज देश में लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। सरकार की नोटबंदी और हड़बड़ी में लाये गये जीएसटी जैसी आर्थिक नीतियों से खतरनाक नुकसान हुआ है।
गांधी ने सरकार पर नोटबंदी से लाखों लोगों को तबाह करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, नोटबंदी के परिणाम के रूप में लाखों छोटे कारोबार तबाह हो गये। किसान एवं अन्य लोग जो नकदी का इस्तेमाल करते हैं, बुरी तरह प्रभावित हुए। कृषि काफी बुरी स्थिति में है और देश में किसानों की आत्महत्याएं आसमान छू रही हैं।
विामंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि नोटबंदी से आयी गिरावट पूर्वानुमान के हिसाब से ही है और मध्यम तथा दीर्घ अवधि में अर्थव्यवस्था को इससे लाभ मिलेगा। जेटली का यह बयान तब आया जब रिजर्व बैंक ने कहा कि बंद किये नोटों में से 99 प्रतिशत बैंकिंग प्रणाली में लौट आये हैं। जेटली ने यह भी कहा था कि बैंकों में पैसे के जमा होने का मतलब सारे नोटों का वैध होना नहीं है।
जारी भाषा
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