राम का अयोध्या में जन्म आस्था का मामला, तीन तलाक क्यों नहीं: मुस्लिम बोर्ड
|नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को चौथे दिन भी ट्रिपल तलाक पर सुनवाई जारी रही। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने अपनी दलील में कहा है कि अगर राम का अयोध्या में जन्म होना आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक भी आस्था का मामला है। इस पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर रेग्युलर सुनवाई हो रही है। यह सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अगुआई में 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच कर रही है। मंगलवार को हो रही सुनवाई में किसने क्या कहा… 1. कपिल सिब्बल, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील: तीन तलाक 637 ईसवी से है। इसे गैर इस्लामिक बताने वाले हम कौन होते हैं? मुस्लिमों में यह प्रथा 1400 साल से है। यह आस्था का मामला है। अगर राम का अयोध्या में जन्म होना आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक भी आस्था का मामला है। ऐेसे में, इसकी संवैधानिक नैतिकता और समानता का सवाल ही नहीं उठता। सोमवार को कोर्ट रूम में इस तरह हुई सुनवाई 2. सुप्रीम कोर्ट: अभी हमारे पास वक्त कम है। इसलिए ट्रिपल तलाक पर ही सुनवाई होगी। अभी हम यहां…