राजनीति : राजाजी की चेतावनी के मायने, हर दौर में रहती है सत्तारूढ़ दल के सामने मजबूत विपक्ष की दरकार
|वर्ष 1957 में जब भारतीय राजनीति में कांग्रेस का उसी तरह से आधिपत्य था, जैसा आज भारतीय जनता पार्टी का है, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने एक पार्टी के अत्यधिक प्रभुत्व के कारण लोकतंत्र को होने वाले खतरों पर एक शानदार लेख लिखा था।
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