राजनीति को विकास से जोड़ने से भारत को नुकसान हो रहा: मोदी
|मोदी ने कहा, ‘आज के युग में विकास के लिए ढांचागत पहली प्राथमिकता है. चाहे वह बिजली हो, पानी हो, सडक हो.. जहां कहीं भी ढांचागत सुविधाएं पहुंचती हैं, विकास में तेजी आती है और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में एक बड़ा बदलाव आता है। लेकिन, हमारे देश में ज्यादातर समय सरकार असमंजस में रहती हैं। उन्हें लगता है कि यदि कोई मतदाता को इससे लाभ होता है तो चुनावों में इसका फायदा मिलेगा। लेकिन यदि सड़कें बनाई जाती हैं तो लोगों को लगता है कि उसमें क्या है… यह सरकार का काम है मेरा क्या हुआ? और यह असमंजस की स्थिति हमारे देश में सालों से है और शायद यह देश के विकास में सबसे बडी बाधा है।’
मोदी ने हरियाणा के सोनीपत में तीन बड़े हाइवे प्रॉजेक्ट्स- वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तथा दिल्ली के मुकरबा चौक से पानीपत तक आठ लेन वाली राजमार्ग परियोजना- की आधारशिला रखने के बाद यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि हरियाणा के लिए 32,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को राज्य में मंजूरी दी गई है। मोदी ने कहा, ‘बुनियादी ढांचा देश के विकास में अहम भूमिका निभाता है। चार लाख करोड़ रुपये की लंबित परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के संदर्भ में पिछले पांच-छह महीनों के दौरान मुख्यमंत्रियों के साथ विडियो कॉफ्रेन्सिंग के जरिए बैठकें की गईं।’
उन्होंने कहा, ’60 साल के दौरान किसी ने भी यह कल्पना नहीं की होगी कि देश में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की अगुवाई में राजमार्ग का निर्माण इतनी से तेजी से होगा।’ उन्होंने साथ में यह भी कहा कि गडकरी के मंत्रालय की परियोजनाओं में भारतमाला, सागरमाला और सेतु भारतम शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कोरिया का उदाहरण देते हुए कहा कि राजमार्ग का नेटवर्क आधुनिक कोरिया का आधार है और सरकार इस बात पर जोर देगी कि देश में राजमार्ग का व्यापक नेटवर्क तैयार किया जाए। इसमें 123 जिलों को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ना शामिल है जो आजादी के छह दशक बाद भी विकास से वंचित हैं।
उन्होंने कहा, ‘कोरिया अच्छा उदाहरण है, देखिए उसे कैसे दिन दूनी रात चौगनी तरक्की की। वहां के शासक पूरे देश में आधुनिक राजमार्ग का निर्माण शुरू किया लेकिन इसको लेकर काफी विवाद रहा क्योंकि उस समय इसका कारण देश का गरीब होना था।’ मोदी ने कहा, ‘….उसके पास बहुत ज्यादा स्कूल, अस्पताल नहीं थे और वह काफी सारा धन सडकों पर खर्च किया जो बुद्धिमनी भरा कदम नहीं लगता था लेकिन उस समय देश के शासक इस पर आगे बढ़ते रहे और पूरे कोरिया के भग्य को बदला।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सेतु भारतम के तहत संपर्क के लिये 375 पुलों की जरूरत है क्योंकि परियोजना का मकसद पुलों के जरिए महत्वपूर्ण संपर्क उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ सागरमाला तटवर्ती शहरों में बंदरगाह आधारित विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाएगा। तटवर्ती व्यापार भी देश की आर्थिक वृद्धि में अहम भूमिका निभाता है। देश में जलमार्गों को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश का सेब इसके जरिए दुनिया के विभिन्न हिस्सों में पहुंच सकता है, सोचिये किसानों को इससे कितना फायदा होगा।
उन्होंने रेल-सड़क संपर्क पर भी जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए भी कई कदम उठाए हैं, इसमें मौजूदा रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण एवं विस्तार जैसे उपाय भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आधुनिक भारत में 18,000 गांव अभी बिजली कनेक्शन से वंचित हैं और 21वीं सदी में भी वहां बिजली के खंभे या तार नहीं है लेकिन सरकार इस दिशा में भी काम करने को प्रतिबद्ध है। मोदी ने कहा, ‘सरकार 2022 तक हर गांवों को सातों दिन 24 घंटे बिजली देने को प्रतिबद्ध है और यह कोई सामान्य कार्य नहीं है।’
उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक युग राजमार्ग के साथ आई-वेज ‘इनफार्मेशन वेज’ भी है। उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी का अभाव नहीं होगा और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सामान्य सोच यही है कि अगर धन होगा तो सड़कों का निर्माण किया जाएगा लेकिन वास्तविकता यह है कि अगर राजमार्ग का निर्माण होता है, कोष सृजित होता है।
उन्होंने कहा कि सड़क एवं बिजली जैसे बुनियादी ढांचा विकास की पहली शर्त है। उन्होंने आगे कहा कि एक बार बुनियादी ढांचा बन जाए, विकास और जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है और नई परियोजनाओं से हरियाणा की वृद्धि को गति मिलेगी। इस मौके पर हरियाणा और पंजाब के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा नितिन गडकरी और कई अन्य केंद्रीय मंत्री मौजूद थे।
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