राजकोषीय, राजस्व घाटा बजट अनुमान से कम रहेगा: सरकार
|सरकार ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय और राजस्व घाटा बजट में पेश संशोधित अनुमान से कम रहेगा। जीएसटी के क्रियान्वयन और स्पेक्ट्रम नीलामी को टाले जाने के बाद राजकोषीय घाटे का संशोधित टारगेट जीडीपी का 3.5 प्रतिशत किया गया था। इससे पहले 3.2 प्रतिशत का अनुमान लगाया गया था।
इसी तरह 1 फरवरी को पेश आम बजट राजस्व घाटे का लक्ष्य संशोधित टैक्स जीडीपी का 2.6 प्रतिशत किया गया था। पहले यह लक्ष्य1.9 प्रतिशत था। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद गर्ग ने ट्वीट किया, ‘सभी राजस्व और व्यय को लेने के बाद मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा 2017-18 के संशाधित अनुमान से कम रहेगा।’
इससे पहले वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा था, ‘वित्त मंत्रालय को भरोसा है कि 2017-18 का 3.5 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से राजस्व संग्रह व्यापक रूप से लक्ष्य के अनुरूप है और मंत्रालयों द्वारा ‘सामान्य तरह से बचत’ की गई है। वित्त सचिव ने कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष करों से 9.95 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो बजट अनुमान के 9.80 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। हालांकि, यह 10.05 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से कम है।
जीएसटी कलेक्शन संशोधित बजट अनुमान 4.44 लाख करोड़ रुपये का 98 प्रतिशत रहा है। अधिया ने कहा, ‘हमें पूरा विश्वास है कि हम 2017-18 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पा लेंगे। यहां तक कि टैक्स कलेक्शन के आंकड़े भी बढ़ेंगे। अगले तीन चार दिन में हमें अतिरिक्त राजस्व का ब्योरा मिलेगा।’ यह पूछे जाने पर कि क्या 3.5 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने के लिए खर्च में कटौती की जाएगी, अधिया ने कहा कि कोई बड़ी कटौती नहीं होगी। हालांकि ऐसा हो सकता है कि कुछ विभागों ने उन्हें वित्त वर्ष के लिए आवंटित राशि को पूरा खर्च नहीं किया हो। पूरे वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के आधिकारिक आंकड़े अप्रैल के अंत में जारी किए जाएंगे।
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