रवीना @50: जानलेवा बीमारी में की शूटिंग:कभी किसिंग सीन नहीं फिल्माया; फिल्म में छोटे कपड़े पहनने से मना किया; मां-बाप को याद कर रोईं

‘मैं पर्दे पर किसिंग सीन्स को लेकर कंफर्टेबल नहीं हूं। मेरी एक बाउंड्री है, मैं उसे कभी क्रॉस नहीं कर सकती। एक फिल्म में मुझे शॉर्ट ड्रेस पहनने को कहा गया। मैंने साफ मना कर दिया। मुझे लगता है कि सुंदर दिखने के लिए छोटे कपड़े पहनना जरूरी नहीं है। फिल्में कहानियों से चलती हैं, न कि हीरोइनों के छोटे कपड़े पहनने से।’ रवीना टंडन ने 50वें जन्मदिन पर दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। 26 अक्टूबर, 1974 को जन्मीं रवीना के करियर में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन इन्होंने अपने उसूलों से कभी समझौता नहीं किया। एक वक्त पर रवीना की खूबसूरती के काफी चर्चे थे। यहां तक की पड़ोसी देश पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी इनकी सुंदरता के कायल थे। रवीना टंडन कभी भी एक्टिंग फील्ड में नहीं आना चाहती थीं। वे IPS ऑफिसर बनना चाहती थीं। देश की पहली महिला IPS ऑफिसर किरण बेदी की बहुत बड़ी फैन थीं। एक दिन उन्हें सलमान खान के अपोजिट फिल्म करने का ऑफर मिला। फिल्म के प्रोड्यूसर जी.पी. सिप्पी ने रवीना के पिता को फोन कर दिया था। यह फिल्म थी- पत्थर के फूल। समय था 1991 का। जो लड़की कभी एक्टिंग करना ही नहीं चाहती थी, वो देखते ही देखते 90 के दशक की सबसे बड़ी हीरोइनों में शुमार हो गई। बालों में तेल और दो चोटी करके स्कूल जाती थीं रवीना रवीना ने कहा, ‘आप यकीन नहीं करेंगे, बचपन में मैं बहुत मोटी थी। बालों में तेल और दो चोटी करके स्कूल जाती थी। किसी को नहीं लगा था कि मैं कभी एक्ट्रेस बन पाऊंगी। मेरे से ज्यादा मेरा भाई एक्टिंग में इंटरेस्टेड था। मेरा मन एक्टिंग नहीं, डायरेक्शन में था।’ इंटर्नशिप करने बाहर निकलीं, तब सही मायनों में बाहरी दुनिया से परिचय हुआ रवीना ने आगे कहा, ‘जब 8वीं में थी, तभी पापा को एक फिल्म के लिए असिस्ट किया था। 10वीं के बाद मैं प्रहलाद कक्कड़ (जाने-माने ऐड डायरेक्टर) के अंडर इंटर्नशिप करने लगी। वहां से ऐड फिल्म मेकिंग, प्री और पोस्ट प्रोडक्शन जैसी चीजें सीखने को मिलीं। इस दौरान मेरा परिचय बाहरी दुनिया से हुआ। पहली बार ट्रेन और बस में ट्रैवल किया, लोगों से मिलना-जुलना हुआ। एक तरह से पहली बार मुझे बाहरी एक्सपोजर मिला।’ सहेलियां कहने लगीं- बस एक फिल्म कर लो, सलमान के साथ फोटो दिलवा दो जब रवीना का फिल्मों में आने का कोई मन नहीं था, फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने इंडस्ट्री जॉइन कर ली? जवाब में उन्होंने कहा, ‘उस वक्त महेश भट्ट साहब ने अपनी बेटी पूजा भट्ट को लॉन्च किया था। लोग मेरे पापा से भी कहते थे कि अपनी बेटी को लॉन्च करो। हालांकि, मैं खुद के दम पर काम पाना चाहती थी। मेरे बॉस प्रहलाद कक्कड़ भी कहते थे कि तुम कैमरे के पीछे कब तक रहोगी, तुम्हें आगे आना चाहिए। मैं एक के बाद एक ऑफर्स ठुकराए जा रही थी। तभी मुझे सलमान खान के साथ एक फिल्म पत्थर के फूल ऑफर हुई। सलमान उस वक्त ‘मैंने प्यार किया’ की वजह से काफी फेमस हो गए थे। मैंने अपनी कॉलेज फ्रेंड्स को बताया कि मुझे सलमान के साथ फिल्म ऑफर हुई है। सारी सहेलियां खुशी से झूम उठीं और मुझ पर फिल्म साइन करने के लिए प्रेशर बनाने लगीं। आखिरकार मैंने भी पापा से परमिशन ली और फिल्म के लिए हां बोल दिया।’ सलमान के साथ काम तो कर लिया, लेकिन सेट पर झगड़े बहुत हुए रवीना ने बताया, ‘मैं और सलमान सेट पर काफी लड़ते थे। जैसे घर पर भाई-बहन लड़ते थे, वैसे ही सेट पर हम दोनों झगड़ते थे। सलमान मेरी बहुत टांग खिंचाई करता था। मैं चिढ़ भी जाती थी और उससे लड़ने लगती थी। खैर, उस वक्त हम दोनों के अंदर बचपना था। अब समय के साथ हमारे बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई है।’ सलमान की तरह रवीना ने भी कभी पर्दे पर किसिंग सीन नहीं दिया रवीना टंडन और सलमान खान के बीच एक बात कॉमन है। दोनों ने पर्दे पर कभी किसिंग सीन नहीं दिया। इस बारे में रवीना कहती हैं, ‘अच्छा, मुझे नहीं पता था कि सलमान ने भी कभी पर्दे पर किस नहीं किया है। खैर, किसिंग वगैरह बहुत पर्सनल चीजें हैं। मैं पर्दे पर किसिंग सीन्स को लेकर कंफर्टेबल नहीं हूं। अब जिस चीज को लेकर मैं कंफर्टेबल नहीं हूं, वो मैं कभी नहीं कर सकूंगी। मेरी एक बाउंड्री है, जिसे मैं कभी क्रॉस नहीं कर सकती।’ शाहरुख की फिल्म में शॉर्ट ड्रेस पहनने को कहा गया रवीना ने आगे कहा, ‘मुझे शाहरुख खान की एक फिल्म में शॉर्ट ड्रेस पहनने को कहा गया था। मैंने साफ मना कर दिया। मैं उस फिल्म का नाम लेना नहीं चाहूंगी। मुझे लगता है कि सुंदर दिखने के लिए छोटे कपड़े पहनना जरूरी नहीं है। मेकअप और ड्रेसिंग स्टाइल अच्छी होगी, तो सुंदरता अपने आप निखरकर सामने आएगी। आप स्क्रीन पर कितनी भी छोटी ड्रेस पहन लो, अगर कहानी में दम नहीं होगा तो फिल्म नहीं चलेगी।’ खुली जीप में ट्रैवल करती थीं रवीना, रुक कर देखते थे लोग रवीना टंडन खुली जीप में कॉलेज जाती थीं। जब वो रास्ते से गुजरतीं तो देखने वालों की लाइन लग जाती। रवीना ने कहा, ‘मेरे पास एक महिंद्रा जीप थी, मैं उसी से कॉलेज जाती थी। पापा ने मुझे ड्राइविंग सिखाई थी। वे मुझे गाड़ी से ज्यादा गाड़ी के टूल्स के बारे में जानकारी देते थे। वे मुझे स्टेपनी चेंज करने से लेकर वाटर कूलेंट और ओवर हीटिंग सहित बहुत सारी चीजें बताते थे।’ जब एयरफोर्स ने मिसाइल पर रवीना का नाम लिखकर नवाज शरीफ को ट्रोल किया 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ। इस युद्ध में एक दिलचस्प घटना हुई थी। दरअसल, इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान भेजे जाने वाली एक मिसाइल पर रवीना और नवाज शरीफ का नाम लिख दिया था। उस मिसाइल पर लिखा था- FROM RAVEENA TONDON TO NAWAJ SHARIF अब इस मामले के बैकग्राउंड में जाते हैं। दरअसल, नवाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में रवीना टंडन की तारीफ की थी। उन्होंने रवीना को अपनी पसंदीदा एक्ट्रेस बताया था। इसे लेकर एक और किस्सा है। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अपने शहीद जवानों का शव मांगा। तब पाकिस्तानी फौज ने अजीबोगरीब डिमांड रखी। उन्होंने कहा कि हम शव तो दे देंगे, लेकिन इसके बदले रवीना टंडन और माधुरी दीक्षित को पाकिस्तान भेजना पड़ेगा। आप सेलिब्रिटी हैं, मतलब गलती आपकी ही होगी रवीना ने कहा कि पहले और आज के दौर को देखें तो सेलिब्रिटीज को लेकर जनता और मीडिया का रवैया थोड़ा बदला है। उन्होंने इंटरव्यू के अंत में कहा, ‘पहले सेलिब्रिटीज के बारे में अखबारों में कुछ भी छाप दिया जाता था। उनसे कुछ पूछा भी नहीं जाता था। उनकी राय अहम ही नहीं मानी जाती थी। मान लिया जाता था कि अगर बंदा सेलिब्रिटी है तो गलती उसी की होगी। आज के दौर में थोड़ा बदलाव आया है। अब सेलिब्रिटीज का भी पक्ष सुना जाता है।’ ————————————————————– बॉलीवुड से जुड़ी ये स्टोरी भी पढ़ें.. ‘दंगल’ में आमिर को हरियाणवी सीखने में वक्त लगा, डायलॉग बोलने पर रोए थे जॉन​​​​​​ आपने कभी गौर किया है कि कटरीना कैफ, जैकलीन फर्नांडीज और नोरा फतेही जैसी विदेशी मूल की एक्ट्रेसेस फिल्मों में हिंदी कैसे बोल लेती हैं? उन्हें भाषा और बोली सिखाने के लिए भी एक खास कोच हायर किए जाते हैं। इन्हें डायलेक्ट कोच कहते हैं। पूरी खबर पढ़ें.. राजामौली के कॉल से रुकी प्रभास की शादी:‘बाहुबली’ रिलीज के बाद 6000 मैरिज प्रपोजल मिले ‘मैं बहुत आलसी और शर्मीला हूं… लोगों से मिलना बिल्कुल पसंद नहीं करता। मैं भीड़ में कम्फर्टेबल नहीं रहता। सेट पर भी जरूरत से ज्यादा लोग हों तो मैं अनकम्फर्टेबल हो जाता हूं। कई बार तो सोचता हूं कि मैं इस फील्ड में आया ही क्यों ? पर किस्मत से मुझे ‘बाहुबली’ जैसी सुपरहिट फिल्म मिली और अब मेरे पास कोई और चांस नहीं है।’ पूरी खबर पढ़ें..

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