रविन की मौत से जिंदा हुआ बिसाहड़ा का बवाल

प्रमुख संवाददाता, ग्रेटर नोएडा

इखलाक मर्डर केस में जेल में बंद रविन उर्फ रोबिन की मंगलवार को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में हुई मौत के बाद से ही बिसाहड़ा में तनाव है। मंगलवार रात 12 बजे तक जमकर हंगामा हुआ तो बुधवार सुबह से देर रात तक रुक-रुक कर हंगामा होता रहा। विरोध मार्च निकाला गया और गांव के लोग बाहर आकर सड़क पर बैठ गए। इस बीच गोकशी के मुख्य आरोपी जान मोहम्मद की गिरफ्तारी की मांग ने तूल पकड़ लिया। अब यही मुख्य मांग बन गई है। इसके समेत ग्रामीणों ने 6 मांगें प्रशासन के सामने रखीं। तनाव को देखते हुए गांव में बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात है। फोर्स ने फ्लैग मार्च भी किया। बिसाहड़ा में पिछले साल 28 सितंबर को गोकशी के बवाल में इखलाक की हत्या कर दी गई थी।

मंगलवार रात लगभग 8 बजे बिसाहड़ा में लोग रविन के घर पर जुटने लगे थे। इस दौरान प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ने लगा। रात करीब 12 बजे तक प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन होता रहा। इस बीच मुस्लिम एरिया में फोर्स तैनात की गई। बुधवार सुबह से ही भीड़ फिर से रविन के घर जुटने लगी। कुछ संगठनों व साठा चौरासी के गांवों से भी लोग बिसाहड़ा पहुंच गए। जुलूस के रूप में लोग मृतक के घर से करीब एक किमी दूर गांव के मुख्य गेट तक नारेबाजी करते हुए पहुंच गए। जुलूस को देखते ही पुलिस अलर्ट हो गई। इस दौरान लोग एनटीपीसी रोड पर धरने पर बैठ गए।

इस बीच उन्होंने अपनी 6 मांगें रखीं। इनमें गोकशी के मुख्य आरोपी इखलाक के भाई जान मोहम्मद की गिरफ्तारी मुख्य मांग है। इसके अलावा मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद, जेल प्रशासन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने, जेल में बंद अन्य 14 युवकों को जेल से बाहर मेडिकल सुविधा देने और उनकी रिहाई की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी होने तक रविन का अंतिम संस्कार नहीं होगा। इसके बाद जूलुस के रूप में लोग नारेबाजी करते हुए गांव में लौट गए। वहीं मृतक के घर के पास भी दिन भर रुक-रुक कर प्रदेश सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन का दौर देर शाम तक चलता रहा। साध्वी की अगुवाई में जान मोहम्मद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बुधवार को भी गांव की महिलाओं का आमरण अनशन जारी रहा।

पत्नी के आरोप

रविन की पत्नी पूजा ने रोते हुए आरोप लगाया कि उनके पति की जेल प्रशासन ने पिटाई की थी। उनको 100 बार उठक-बैठक लगवाई जाती थीं। इसके कारण ही वह बीमार हुए थे। गांव के अन्य युवकों को भी पीटा जाता था। साथ ही जेल में भ्रष्टाचार और रुपयों की वसूली करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह ही रविन समेत गांव के चार युवकों से जेल प्रशासन ने जबरन दंड लगाकर करीब 12 हजार रुपये की वसूली की थी।

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