‘ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है’, ‘प्यासा’ ही रहा सिनेमा का यह ‘गुरुदत्त’
|गुरुदत्त ने इतनी सारी फ़िल्में न भी की होतीं तो उनकी सिर्फ दो फ़िल्में ही उन्हें भारतीय सिनेमा में अजर-अमर का खिताब दे सकती थीं। उनमें से एक है ‘प्यासा’ और दूसरी ‘कागज के फूल’।