यूपी: ग्राम पंचायत ने लड़कियों के मोबाइल प्रयोग और जींस पर लगाया बैन

मुजफ्फरनगर

उत्तर प्रदेश में एक मुस्लिम ग्राम पंचायत ने लड़कियों द्वारा मोबाइल का प्रयोग न करने और जींस, टी-शर्ट न पहनने का फरमान जारी किया है। बैन का यह फरमान मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले के 10 से ज्यादा गांवों में लागू हो गया है। पंचायत प्रमुख मोहम्मद इरफान ने कहा, ‘हमारे समुदाय में अविवाहित लड़कियां जिस तरह के जालीदार या कम कपड़े पहनती हैं, वह इस्लाम के नियमों के मुताबिक नहीं हैं।’

इरफान के मुताबिक, ‘हम गांवों में रहते हैं। ऐसे कपड़े शहरों में पहने जा रहे हैं, लेकिन गांवों और हमारी ग्राम पंचायच में इनकी अनुमति नहीं दी जा सकती। हमारी संस्था ने ऐसे कपड़े पूरी तरह बैन कर दिए हैं।’

अमीर, सवर्णों और बुजुर्गों वाली इस ग्राम पंचायत में सभी सफेद रंग के लंबे चोगे पहनते हैं। देश के उत्तरी भागों में ऐसी पंचायतों का काफी दखल है जो इसी तरह क फरमान जारी करके अपने समाजों को नियंत्रित करते हैं। कई बार इनके निर्णय विवाद और झगड़े का कारण भी बन जाते हैं और कई बार कानून के लिए चुनौती भी। करोड़ों लोगों के लिए स्थानीय अदालत का काम कर रहीं ऐसी संस्थाएं या ‘खाप पंचायतें’ जमीन से लेकर जानवर, विवाह और यहां तक कि हत्या जैसे मामलों का भी निपटारा करती हैं।

जिस गांवों में यह बैन लगाया गया है, वहां के परिवार इसका पालन कर रहे हैं और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनका बहिष्कार कर दिया जाएगा। 17 सदस्यों की इस पंचायत ने लड़कियों द्वारा मोबाइल प्रयोग न करने के पीछे तर्क दिया है कि इससे महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या में इजाफा होता है।

गांव के ही एक निवासी मोहम्मद अकबर बताते हैं, ‘लड़कियों का मोबाइल प्रयोग करना हमारे हिसाब से सही नहीं है। खुदा न करे अगर वो किसी से बात करेंगी तो उनके खिलाफ अपराध बढ़ जाएंगे। इस वजह से हमने इसे बैन कर दिया है। मुझे लगता है सिर्फ शादीशुदा लोगों के पास ही मोबाइल होना चाहिए जो उसका जिम्मेदारी के साथ प्रयोग कर सकें।’ हालांकि, इसी दौरान ग्राम पंचायतों ने दहेज व्यवस्था को भी बैन कर दिया और बच्चों की शिक्षा पर विशेष बल दिया।

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