यूपीः 10 साल में नहीं बढ़ा बच्चन के ऐश्वर्या डिग्री कॉलेज का काम, लोगों ने चंदा कर बनाया अपना कॉलेज

बाराबंकी
यूपी में बाराबंकी के दौलतपुर गांव में दस साल पहले बॉलिवुड के महानायक अमिताभ बच्चन अपनी पत्नी जया बच्चन, बेटे अभिषेक और बहू ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ पहुंचे थे। उन्होंने गांव में ली गई दस बीघा जमीन पर श्रीमती ऐश्वर्या बच्चन डिग्री कॉलेज का नींव रखी थी।
उनके इस डिग्री कॉलेज की नींव रखते ही लोगों के सपने ऊंची उड़ान भरने लगे। उनके मन में उम्मीदें खिलने लगीं, लेकिन दस साल बाद भी वह जमीन वैसी ही है।

हैरानी की बात यह है कि कॉलेज के लिए जो शिलान्यास का पत्थर लगाया गया था, वह भी गायब हो गया। ऐसे में गांव के लोगों ने खुद अपना एक डिग्री कॉलेज बनाने का फैसला लिया और उसका निर्माण कराना शुरू कर दिया। अगले शैक्षिक सत्र से इस कॉलेज में पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

बाराबंकी का दौलतपुर गांव यूपी की राजधानी लखनऊ से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां के लोगों ने अमिताभ बच्चन के दस बीघे के प्लॉट से महज 500 मीटर की दूरी पर पड़े प्लॉट पर डिग्री कॉलेज बनाने के लिए फंड जमा किया। इस कॉलेज के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि दस साल पहले 2008 में जब बच्चन परिवार यहां आया तो गांववालों को लगा कि उनका गांव वीवीआईपी है। बच्चन के पूरे परिवार के साथ एसपी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और अमर सिंह भी पहुंचे थे। गांव में हर तरफ लोगों में खुशी थी। लोगों को लगा कि वे लोग जल्द ही ऐश्वर्या राय बच्चन के नाम पर बने स्कूल में पढ़ेंगे, लेकिन उनके सपने हकीकत नहीं हो सके।

गांव के एक टीचर सत्यवान शुक्ला ने गांव में कॉलेज बनाने के लिए ठानी। उनके पिता और भाई ने कॉलेज के लिए अपनी 10,000 स्क्वॉयर मीटर जमीन दान दी। गांववालों से चंदा लेकर 60 लाख रुपये एकत्र किए गए और कॉलेज के निर्माण का काम शुरू हुआ। इस बिल्डिंग में 12 क्लासरूम बन चुके हैं। इस कॉलेज में सह-शिक्षा होगी। इसका नाम दौलतपुर डिग्री कॉलेज रखा गया है।

इसे डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद से संबद्ध कराया गया है। अगले शैक्षिक सत्र से यहां बीए और बीएससी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इस कॉलेज की मैनेजमेंट कमिटी में उन लोगों को शामिल किया गया है, जिन्होंने कॉलेज बनाने के लिए चंदा दिया। कॉलेज की लाइब्रेरी भी हाल ही में शुरू की गई है। लाइब्रेरी का उद्घाटन साहित्य एकैडमी के विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने किया था।

दौलतपुर गांव की 18 वर्षीय गीता ने कहा कि उसे अभी तक पढ़ने के लिए गांव से 30 किलोमीटर दूर बने कॉलेज में जाना पड़ता है। अब वह बहुत खुश है कि सूरतगंज में कॉलेज बन रहा है। गांव के लोगों ने 60 लाख रुपये एकत्र किए हैं। उससे स्कूल की बिल्डिंग बन रही है। अगले सत्र से वह पैदल ही कॉलेज जा सकेगी।

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