यह पूछे जाने पर कि आखिर नोटबंदी क्यों जरूरी थी, आरबीआई गवर्नर पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बताया है कि 1,000 और 500 रपये के नोट को क्यों वापस लेने की आवश्यकता है।
|उन्होंने कहा, इस दिशा में कई कदम उठाये गये। सबसे पहले, जनधन खाते खाले गये, आय खुलासा योजना चलायी गयी तथा जीएसटी पारित कराया गया। यह लोगों को कर के दायरे में लाने तथा कर दायरा बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है।
पटेल ने कहा, लोग बिना कर चुकाये बड़ी राशि के नोट अपने पर रखे हुए थे। जमीन-जायदाद जैसे कुछ क्षेत्र कर से बचने के लिये नकद का उपयोग कर रहे थे। यह नकली मुद्रा पर भी चोट करता है। साथ ही कंपनियों तथा लोगों को नकदी रहित लेन-देन के लिये बढ़ावा देता है जो बहुत ही सुविधाजनक है। इस दिशा में बैंकों ने डेबिट कार्ड शुल्क वापस ले लिया है।
यह पूछे जाने पर कि आखिर इतनी लंबी कतारें और व्यापार में कमी क्यों हैं, आरबीआई गवर्नर ने कहा, ऐसा जीवन में एकाध बार ही होता है। प्रचलित 86 प्रतिशत मुद्रा को एक बार में हटाने का निर्णय एक बिरला घटनाक्रम है….।
उन्होंने कहा, नोटबंदी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिये पूर्ण रूप से गोपनीयता की जरूरत थी। इसीलिए सभी बैंकों को इस प्रकार के बड़े कदम के लिये 24 घंटों में पूरी तरह तैयार करना मुश्किल था। निश्चित रूप से इससे कुछ समस्याएं हुई। यही कारण है कि हम सभी लोगों से कर चोरी तथा कालाधन के बड़े मुद्दे के लिये समर्थन का अनुरोध करते हैं।
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