मोहल्ला सभाओं के फंड पर कमिशन की नजरें
| रामेश्वर दयाल
दिल्ली सरकार ने मोहल्ला सभाओं को दिए जाने वाले फंड की निगरानी डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमिशन ऑफ दिल्ली (पूर्व नाम दिल्ली डायलॉग कमीशन) से करवाने का फैसला लिया है। कमिशन में विशेषज्ञों की नियुक्ति की जा रही है। सरकार का मानना है कि मोहल्ला सभाओं के जरिए सभी इलाकों में मांग के अनुरूप विकास और अन्य कार्य कराए जा सकेंगे।
सरकारी कामकाज में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए मोहल्ला सभाएं बनाईं हैं। इनकी संख्या करीब तीन हजार है। पिछले साल तक सरकार ने सिर्फ 11 विधानसभा क्षेत्रों में इनका गठन किया था, लेकिन अब सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों और 272 वॉर्डों में इन सभाओं का गठन हो चुका है। सरकार चाहती है कि जो भी काम हो रहे हैं, उन्हें मोहल्ला सभाओं के जरिए किया जाए। इसका फायदा यह होगा कि जनता की मांग के मुताबिक काम कराए जा सकेंगे। दूसरा, अफसरशाहों के बजाय जनप्रतिनिधियों की इसमें भागीदारी होगी। अपने इसी टारगेट को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने बजट में मोहल्ला सभाओं के लिए 350 करोड़ रुपये तय किए हैं। इसमें भी इजाफा किया जा सकता है।
प्रफेशनल तरीके से हो कामकाज
मोहल्ला सभाओं के जरिए होने वाले काम प्रफेशनल तरीके से चलें और इनमें भ्रष्टाचार के आरोप न लगें, इसके लिए सरकार डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमिशन ऑफ दिल्ली को निगरानी का काम सौंपा जा रहा है। सू्त्र बताते हैं कि कमीशन में विशेषज्ञ सलाहकारों की नियुक्ति लगभग फाइनल हो चुकी है। वैसे तो सरकार ने मोहल्ला सभाओं के जरिए होने वाले कामकाज के लिए संबंधित विभागों से नोडल अधिकारी भी रखने का निर्णय लिया है, लेकिन फाइनल अथॉरिटी कमीशन के विशेषज्ञ सलाहकारों के पास होगी। ये ही तय करेंगे कि विकास कार्य का बजट कितना होना चाहिए और उनका निर्माण जनता के मनमाफिक हो। जन प्रतिनिधि भी इन विशेषज्ञ सलाहकारों की मदद करेंगे।
डेढ़ लाख होगी सैलरी
सूत्र बताते हैं कि कमिशन का नाम बदलने का मकसद भी यही है, ताकि उसमें ज्यादा विशेषज्ञों और ‘खास’ अफसरों की नियुक्ति की जा सके। विशेषज्ञ सलाहकारों के नाम कमिशन के पास आ चुके हैं। इनकी सैलरी करीब डेढ़ लाख रुपये महीना होगी। कमिशन में चीफ मिनिस्टर अर्बन लीडर्स फेलोशिप योजना भी रखी गई है, जिसके तहत बड़ी संख्या में सीनियर फेलो व फेलो की नियुक्ति की जाएगी। इनका वेतन 40 से 50 हजार रुपये होगा। ये फेलो दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के कामकाज पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कमिशन के जरिए सरकार तक पहुंचाएंगे।
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