मोदी सरकार के प्रयास से संभव हुए ब्लैक मनी के खुलासे

सिद्धार्थ, नई दिल्ली

पिछले कुछ महीनों के दौरान मोदी सरकार के प्रयासों से न सिर्फ स्विट्जरलैंड बल्कि दूसरे कई टैक्स हैवन देश जोकि पहले ब्लैक मनी के बारे में जानकारी साझा करने की भारतीय सरकार की योजनाओं में अड़ंगा लगाते थे अब इन खातों से जुड़ी जानकारियां साझा करने की इच्छा दिखा रहे हैं।

एक सूत्र ने कहा, ‘यह सतत प्रयासों का नतीजा है कि सूचना का प्रवाह शुरू हुआ है। नया ब्लैक मनी कानून और बेनामी बिल बहुत ही पॉजिटीव रहे हैं। विदेशी देशों को यह समझ में आया है कि ब्लैक मनी के खिलाफ लड़ाई सिर्फ एक नारा नहीं है बल्कि भारत इसके प्रति बहुत ही गंभीर है।’

कई मामलों का खुलासा एचएसबीसी लिस्ट के अलावा भी हुआ है जिनकी स्वतंत्र जांच की गई है और सरकार अब इनके बारे में सूचनाएं मिलने की उम्मीद कर रही है। स्विस फेडरल गैजट में प्रकाशित हो चुके कुछ नामों के बारे में पहले ही सबूत मौजूद हैं।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक नए ब्लैक मनी कानून, जिसके तहत विदेशों में अघोषित संपत्ति रखने पर 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। साथ ही जी20 के बीच सूचना साझा करने का समझौता शुरू होने वाला है, इसके तहत अवैध धन रखने वालों की संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।

टैक्स चोरों को शरण देने वाले देशों की ओर से इस तरह सहयोग भरा कदम सरकार द्वारा पिछले साल से चलाए गए जोरदार अभियान का परिणाम है। पिछले साल अक्टूबर में राजस्व सचिव शांतिकांता दास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल स्विट्जरलैंड गया था। उसके बाद वहां की अथॉरिटीज सूचना साझा करने में व्यापक पैमाने पर सहयोग करने के लिए राजी हुई। सरकार के इस प्रयास के नतीजे में विश्व स्तर पर अवैध धन के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने को लेकर आम सहमति बनी।

कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया में संपन्न जी20 मीटिंग में सूचना साझा करने और काले धन के मामले को उठाया था जिसका परिणाम अब देखने को मिल रहा है। इस मामले पर गंभीरता को और बल उस समय मिला जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की मीटिंग के दौरान स्विटजरलैंड के अपने समकक्ष से मुलाकात की थी।

सूत्रों ने बताया कि इस मामले पर आयकर विभाग के विदेशी कर विभाग (एफटीडी) ने भी सुस्ती से काम नहीं लिया और अपने सारे कौशल का इस्तेमाल इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए किया। हालांकि काले धन के मामले पर एफटीडी पहले भी काम कर रहा था लेकिन वित्त मंत्री द्वारा सप्ताह में कम से कम एक बार इनकी निगरानी के कारण एफटीडी ने इस दिशा में मजबूती के साथ काम किया।

अंग्रेजी में भी पढ़ें: Black money campaign results in info flow from Swiss, others

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