मैटरनिटी लीव मांगने पर कंपनी ने निकाला, समाज कल्याण मंत्रालय ने लिया मामले का संज्ञान

नोएडा
नोएडा की एक कंपनी ने असिस्टेंट एचआर मैनेजर के पद पर कार्यरत महिला कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया। महिला राधिका गुप्ता का दावा है कि कंपनी ने उन्हें मातृत्व अवकाश मांगने के बदले निकाला है। राधिका का कहना है कि जब उन्होंने कंपनी से मैटरनिटी लीव पर जाने के लिए छुट्टी की गुजारिश की तो उन्हें टर्मिनेट करने का लेटर थमा दिया गया। राधिका की शिकायत पर महिला एवं समाज कल्याण मंत्रालय भी ऐक्टिव हो गया है और इस संबंध में उनसे पत्र के जरिए संपर्क किया है।

इंडियन एक्सप्रेस डॉट कॉम के अनुसार इससे पहले गुप्ता ने मंत्रालय की अडिशनल सेक्रेटरी प्रीति सूदन को पत्र लिखकर मामले में मदद की अपील की थी। मंत्रालय ने मामले को गंभीर मानते हुए इस पर जांच शुरू कर दी है। मंत्रालय की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है, ‘मैटरनिटी बेनिफिट ऐक्ट 1961 के सेक्शन 12 में महिलाओं को जिस हालत में राधिका गुप्ता हैं उस दौरान सुरक्षा देने का प्रावधान है।’

इस महीने की शुरुआत में गुप्ता ने दावा किया था कि उनकी कंपनी ने उन्हें जबरन इस्तीफा लिखने के लिए दबाव बनाया था। इस्तीफा नहीं लिखने की दशा में उन्हें पदमुक्त कर दिया गया। राधिका का यह भी कहना है कि सात महीने की गर्भावस्था के दौरान उन्हें ऑफिस में मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया। वहीं, इस पूरे मामले पर कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राधिका गुप्ता को उनके खराब व्यवहार के कारण नौकरी से निकाला गया है।

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