मैगी क्राइसिस से निसिन की हुई बल्ले-बल्ले,मार्केट शेयर में बनी नंबर दो
|इंस्टैंड नूडल्स कैटिगरी में मार्केट शेयर के मामले में टॉप रेमन एंड कप नूडल्स भारत में दूसरे नंबर पर है। इस प्रॉडक्ट को बनाने वाली जापानी फूड कंपनी निसिन के मैनेजिंग डायरेक्टर गौतम शर्मा ने यह जानकारी दी है। इस सेगमेंट में मार्केट लीडर नेस्ले की मैगी है। शर्मा इस जापानी कंपनी के पहले भारतीय मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उन्होंने बताया, ‘इंस्टैंट नूडल्स कैटेगरी में मची उथल-पुथल के दौरान बड़ी संख्या में कस्टमर्स ने हमारे इस प्रॉडक्ट का इस्तेमाल किया और उन्हें यह पसंद आया। इस संकट ने कंज्यूमर्स और ट्रेड को इस कैटेगरी के मार्केट लीडर के बजाय अन्य ब्रांड्स आजमाने का मौका दिया।’
पिछले साल जून में फूड रेग्युलेटर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने नेस्ले की मैगी पर रोक लगा दी थी। मैगी में जरूरत से ज्यादा मात्रा में लेड और मोनोसोडियम ग्लूटमेट होने की शिकायत पाई गई थी। इसके बाद 5 महीने तक मैगी बाजार से गायब रही। नतीजतन, निसिन की भारतीय सब्सिडियरी ने भी अपने टॉप रेमन नूडल्स के पेंडिंग प्रॉडक्ट अप्रूवल को वापस ले लिया था और उसने मैगी की बाजार में वापसी से एक महीना पहले एंट्री की।
निसिन के ग्लोबल चीफ एग्जिक्यूटिव कोकी एंडो ने इस गर्मी में कंपनी के मिड-टर्म प्लान का ऐलान करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका में लोकल सीईओ की भर्ती के बेहतर नतीजे मिल रहे हैं। उन्होंने कहा , ‘नूडल्स के प्रमुख मैन्युफैक्चरर की वापसी के बावजूद फाइनैंशल ईयर 2015-16 में हमारी सेल्स में सालाना 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।’ कंपनी के सिर्फ दो देशों में गैर-जापानी हेड है। कोकी के मुताबिक, ‘हम चीन और भारत जैसे अहम ठिकानों पर फोकस कर रहे हैं। भारत में हम कप नूडल्स के प्रमोशन को लेकर काम तेज रहे हैं, ताकि तेजी से बढ़ रहे मध्य वर्ग को टारगेट किया जा सके।’
भारत में अपने 25वें साल में जापानी फूड कंपनी खुद को राष्ट्रीय स्तर पर नेस्ले की मैगी और आईटीसी की यिप्पी के बाद तीसरे नंबर पर पा रही है, जबकि संगठित ट्रेड में मैगी के बाद दूसरे नंबर पर। इंडस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, निसिन का मार्केट शेयर तकरीबन 18 फीसदी है, जबकि मैगी का 57 फीसदी। शर्मा ने बताया, ‘कंज्यूमर्स ने शायद फैसला किया कि वे सिर्फ एक ब्रांड के बजाय कई ब्रांड्स को आजमाएंगे। लिहाजा, सभी कंपनियों को कंज्यूमर्स तक पहुंचाने का मौका मिला।’ इस मौके का अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया गया। प्रॉडक्ट फॉर्मूलेशन और प्राइसिंग जहां एक जैसी है, वहीं डिस्ट्रीब्यूशन और नए चैनलों तक पहुंचने को लेकर जापानी कंपनी आक्रामक तरीके से काम कर रही है। शर्मा के मुताबिक, कप नूडल्स को बेचेने के लिए एयरलाइंस, मेट्रो स्टशनों, सिनेमा हॉल के साथ समझौते किए जा रहे हैं। रिसर्च एजेंसी नील्सन के अनुमानों के मुताबिक, नूडल्स का मार्केट फिलहाल 3,000 करोड़ रुपये का है, जो पिछले जून में 4,000 करोड़ का था
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