मैकग्रा, मुरली का सामना करना सबसे मुश्किल रहा: द्रविड़
|पूर्व कप्तान और तकनीक के लिहाज से भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक राहुल द्रविड़ ने मंगलवार को कहा कि अपने चमकदार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर के दौरान उन्हें ग्लेन मैकग्रा और मुथैया मुरलीधरन को खेलने में सबसे अधिक परेशानी हुई। अपनी बेदाग तकनीक के कारण ‘दीवार’ उपनाम पाने वाले द्रविड़ ने 16 साल के करियर में 13,000 से अधिक टेस्ट रन और 10,889 वनडे रन बनाये।
द्रविड़ ने प्रशंसकों से सोशल नेटवर्किंग साइट ‘फेसबुक’ पर बातचीत के दौरान कहा, ‘जहां तक तेज गेंदबाजों का सवाल है तो मैंने जिनका सामना किया उनमें ग्लेन मैकग्रा को खेलना सबसे मुश्किल था। मैंने उनका तब सामना किया जब वह अपने करियर के चरम पर थे और वह सच में महान गेंदबाज थे। जब वह बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहा हो तब अपने ऑफ स्टंप का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल होता था।’
भारतीय जूनियर टीम के कोच द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज के बारे में कहा, ‘वह केवल ऑफ स्टंप पर आपको चुनौती पेश करते थे, आपकी परीक्षा लेते थे। वह चाहे अपना पहला, दूसरा या 25वां ओवर कर रहा हो, वह बेहद आक्रामक गेंदबाज थे। वह हमेशा आपको चुनौती देता थे।’
द्रविड़ का मानना है कि यदि स्पिनरों की बात की जाए तो श्रीलंका के मुरलीधरन का सामना करना मुश्किल होता था। उन्होंने कहा, ‘स्पिनरों में, मैं जिनके खिलाफ खेला उनमें मुथैया मुरलीधरन सर्वश्रेष्ठ थे। मुरली बेहद कौशलपूर्ण गेंदबाज थे। वह दोनों तरफ गेंद को स्पिन करा सकते हैं। उनकी गेंदों को समझना बहुत मुश्किल था। वह निरंतर अच्छा प्रदर्शन करते थे और उनका अपनी गेंदबाजों पर बहुत अच्छा नियंत्रण था।’
द्रविड़ से पूछा गया कि ड्रेसिंग रूम में उनके सबसे अच्छे पल कौन से थे तो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 2004 की टेस्ट सीरीज का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘ड्रेसिंग रुम में सर्वश्रेष्ठ पल पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज जीतना और ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड में (2003-04) टेस्ट जीतना रहा। टेस्ट या टेस्ट सीरीज जीतना हमेशा शानदार अहसास रहा क्योंकि खिलाडी पांच दिन तक मेहनत करते हैं। वे अपना लक्ष्य हासिल करने के लिये पूरी श्रृंखला में मेहनत करते हैं।’
द्रविड़ ने वर्तमान भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय की हालिया फॉर्म के लिये जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘मेरा वास्तव में मानना है कि विजय ने पिछले दो वर्षों में बल्लेबाज के रूप में तकनीकी तौर पर सुधार किया है। पिछले दो वर्षों में उसकी तकनीक बेहतरीन रही है। लेंथ और लाइन का उसका अनुमान बेजोड़ है। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के मुश्किल विकेटों और यहां की टर्निंग पिचों पर उसका प्रदर्शन शानदार रहा।’ द्रविड़ ने उम्मीद जतायी कि रविचंद्रन अश्विन और अजिंक्य रहाणे की जोड़ी करीबी कैचिंग में उनकी और अनिल कुंबले की जोड़ी से बेहतर प्रदर्शन करेगी।
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