मेरी सोच से ज्यादा मुश्किल थी भारत की कोचिंग: चैपल
|ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान क्रिकेटर ग्रेग चैपल का मानना है कि भारतीय क्रिकेट टीम को दो साल तक कोचिंग देना उन्होंने जितना सोचा था उसकी तुलना में अधिक कुछ अधिक जटिल था। चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘यह संभवत: जितना कोई कल्पना कर सकता था उससे कुछ अधिक जटिल था। भारत में सिर्फ क्रिकेट ही नहीं बल्कि जीवन के कई पहलू हैं। किसी बाहरी के लिए यहां सफलता हासिल करना आसान नहीं है।’
चैपल का दो साल का कार्यकाल उतार-चढ़ाव से भरा रहा जिस दौरान तत्कालीन कप्तान सौरभ गांगुली के साथ उनका काफी विवाद रहा और कई सीनियर खिलाड़ियों के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं थे। इस ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट से जब उनके कार्यकाल के दौरान भारत के स्टार क्रिकेटरों की लोकप्रियता की तुलना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उनकी तुलना दिग्गज बीटल्स से की जो 1960 के दशक से 1970 के दशक के शुरुआती वर्षों में प्रशंसकों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। चैपल ने कहा, ‘भारतीय क्रिकेट टीम के साथ होना संभवत: बीटल्स के साथ यात्रा करने की तरह था। देश में हम जहां भी जाते थे वहां जिस तरह का माहौल होता था वह शानदार था। हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में लोग जुट जाते थे। पूरे हवाईअड्डे समय रुक सा जाता था।’
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान चैपल ने कहा कि उन्होंने जिस भारतीय टीम को कोचिंग दी थी उसमें उस टीम की तुलना में अधिक गहराई थी जिसके खिलाफ वह 1970 और 1980 के दशक में खेले थे। उन्होंने कहा, ‘मैंने जिस टीम को कोचिंग दी थी उसमें अधिक गहराई थी। जिन टीमों के खिलाफ हम खेले उनमें शीर्ष छह में अच्छी प्रतिभा थी लेकिन इसके बाद प्रदर्शन गिरता था। यह प्रतिभा से अधिक आत्मविश्वास से जुड़ा था।’
चैपल ने कहा, ‘जिन भारतीय टीमों को मैंने कोचिंग दी उनका बल्लेबाजी क्रम संभवत: टेस्ट के लिए सर्वश्रेष्ठ में से एक था। प्रतिभा के मामले में काफी टीमें उसे नहीं पछाड सकती थीं। उस समूह की गहराई असाधारण थी।’
चैपल ने हालांकि कहा कि उन्हें नहीं पता कि सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी वाली टीम ने पर्याप्त उपलब्धि हासिल की या नहीं।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Cricket News in Hindi, Latest Cricket News, क्रिकेट समाचार – Navbharat Times