मेरठ: आरएसएस के राष्ट्रोदय में तीन लाख से ज्यादा स्वयंसेवक लेंगे हिस्सा
|राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) देश के सबसे बड़े मेरठ समागम राष्ट्रोदय में तीन लाख से ज्यादा स्वयंसेवक हिस्सा लेकर विश्व रेकॉर्ड बनाएंगे। इसी के साथ तीन लाख परिवारों को साथ जोड़कर संघ की तरफ से उनको खास संदेश दिया जाएगा। जानकार मान रहे हैं कि यह सब 2019 के आम चुनाव के लिए माहौल बनाने की तैयारी है, वैसे संघ का पूरा फोकस नौजवानों और किसानों को जोड़ने को तौर पर देखा जा रहा हैं। नौकरीपेशा, डॉक्टर, शिक्षक, वकील, व्यापारी, स्टूडेंट भी बड़ी तादाद में इसके गवाह बनने को रजिस्ट्रेशन कराए हैं।
आरएसएस को ज्यादातर शहरों में सक्रिय माना जाता है, लेकिन मेरठ में होने वाले समागम में शिरकत करने के लिए मेरठ प्रांत के शहरी से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे। अभी तक हुए रजिस्ट्रेशन में ग्रामीण इलाके के दो लाख 18 हजार 214 और शहरी क्षेत्र के करीब 93 हजार 364 स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे। खास बात यह है कि संघ की कोशिश से सबसे ज्यादा नौजवानों (स्टूडेंट) की भागीदारी ऐतिहासिक रहेगी।
करीब सवा तीन लाख रजिस्ट्रेशन में में दो लाख 22 हजार 791 स्वयं सेवक चालीस साल से कम यानि नौजवान हैं। संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख अजय मित्तल के मुताबिक अलग-अलग श्रेणी में 94,498 स्टूडेंट ने, 70580 व्यापारियों ने, 53368 नौकरीपेशा ने, 46572 किसानों ने, 33348 वकीलों ने, 12534 शिक्षकों ने, 4205 डाक्टरों ने और 25181 अन्य लोगों ने बतौर स्वयंसेवक समागम में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
जातीय भेद मिटाने पर भी जोर
संघ का समागम के जरिए जातीय भेद मिटाने का मकसद होने की बात भी कही जा रही हैं। संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख अजय मित्तत का कहना है कि सहारनपुर के शब्बीरपुर में ठाकुर और दलितों के बीच विवाद होने और खटास आने की बात कही जाती रही है। हमारी कोशिश है कि वैमनस्यता खत्म हो। समागम में ठाकुर और दलित एक साथ खाना खाते नजर आएंगे। शब्बीरपुर गांव के दलित और ठाकुर भी इस समागम में हिस्सा लेंगे और जातीय भेद को करारा जवाब देंगे।
तीन लाख घर जोड़ेंगे, लेंगे खाना, देंगे संदेश
तीन लाख से ज्यादा स्वयंसेवकों के लिए खाने की व्यवस्था करना आसान नहीं होगा, इसलिए संघ ने तय किया है कि करीब तीन लाख घरों से भोजन लिया जाएगा। क्षेत्रीय शाखाओं की जिम्मेदारी निभाने वाले इस खाने की व्यस्था अपने क्षेत्र से करेंगे। संग भोजन लेने के लिए हर घर में पेपर बैग देगा। उस बैग पर समागम का संदेश छपा होगा। संघ का मानना है कि ऐसे में तीन लाख घरों में आसानी से उनका संदेश चला जाएगा। समागम में पहुंचने के लिए नौ प्रमुख मार्ग तय किए गए हैं। उन पर दस किलोमीटर पहले ही भोजन केंद्र सिसौली रोड पर सिसौली, हापुड़ रोड पर कैली, सिवाया टोल प्लाजा, भावनपुर पेट्रोल पंप, बड़ौत रोज महाराणा प्रचताप इंचर कालेज, सरधना रोड पर दबथुवा, बागपत रोड पर पांचली खुर्द, मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल पर स्वंय सेवकों को खाने दिया जाएगा। पत्तल खास तरीके से बंगलुरू से मंगाई गई हैं।
संघ का ये है मेरठ प्रांत
आरएसएस की दृष्टि से मेरठ प्रांत में 25 जिले आते हैं। संघ ने बड़े जिलों में अपनी सुविधा के मुताबिक दो-दो जिले बना रखे हैं। इन 25 जिलों में 987 मंडल बना रखे हैं। 10 हजार 580 गांवों के स्वयंसेवक उनसे जुड़े हैं। वैसे प्रशासनिक और राजस्व जिलो के हिसाब से मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के 14 जिलो का क्षेत्र आता है। संघ ने आईटी क्षेत्र में भी राष्ट्रदोय के मद्देनजर विस्तार किया हैं। अभी तक एक जिले में सिर्फ एक ही आईटीसी शिविर लगाया जाता था, लेकिन इस बार पहली बार मेरठ प्रांत के 25 जिलों में 101 आईटीसी शिविरों लगाए गए। उनमें 6600 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया।
होमगार्ड से लेकर ड्रोन का रहेगा पहरा
संघ के समागम में यूपी और हरियाणा के सीएम के ने की संभावना और वेस्ट यूपी के संवेदनशील होने, मेरठ से पंजाब के संदिग्धों के फरार होने, वेलस्ट यूपी की आतंकी कनेक्शन कई बार सामने आने के बाद पुलिस खास सुरक्षा घेरा रखेगी। स्पेशल कमांडो और एटीएस की टीम सुरक्षा घेरा संभालेगी। एसएसपी के मुताबिक 15 एडिशनल एसपी, 50 सीओ 100 थाना प्रभारी, 550 दरोगा, 2500 सिपाही, दस कंपनी पीएसी, चार कपनी आरएएफ, 500 होमगार्ड, 250 ट्रैफिक पुलिस के सिपाही, बम निरोध दस्ता, डाक स्कवैड ड्रोन कैमरे आदि लगेंगे।
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