मुख्य सचिव मारपीट: 2 और विधायकों को पुलिस ने किया तलब, हो सकती है गिरफ्तारी
|दिल्ली के मुख्यसचिव अंशु प्रकाश के साथ सीएम हाउस के अंदर हुई कथित मारपीट के मामले में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दिल्ली पुलिस ने आज शाम को आप के दो विधायकों को पूछताछ के लिए बुलाया है। इन विधायकों के नाम नितिन त्यागी व राजेश ऋषि हैं, जो सीएस अंशु प्रकाश के साथ हुई मारपीट व उन्हें धमकी देने के मामले में संदिग्ध हैं। पुलिस सूत्रों ने इस ओर भी इशारा किया है कि संभवत: दोनों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है, हालांकि फिलहाल इस संदर्भ में पुलिस कुछ भी नहीं बोल रही है। नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के अडिशनल डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह ने दोनों विधायकों को पूछताछ के लिए बुलाए जाने की बात की पुष्टि की है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शकरपुर से विधायक नितिन त्यागी और जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि 19 फरवरी की आधी रात को सिविल लाइन स्थित सीएम हाउस में आयोजित बैठक में शामिल थे और उस कक्ष में उस समय मौजूद थे, जब सीएस अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की गई थी। पुलिस जांच में यह बात निकलकर सामने आई है कि उक्त दोनों विधायक सीएस के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और उन्हें धमकी देने वालों में शामिल थे। यह बात मामले के शिकायतकर्ता अंशु प्रकाश ने अपनी शिकायत में कही थी और यह भी कहा था कि वह मीटिंग में मौजूद विधायकों को पहचान सकते हैं। इतना ही नहीं, जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाहकार वीके जैन से पूछताछ की गई थी और जब उन्होंने बयान दिए थे, उस दौरान उन्होंने बैठक में शामिल रहे विधायकों के नाम के बारे में भी बताया था। इसके अलावा जब प्रकाश जारवाल को गिरफ्तार किया गया था और जब उससे रातभर पूछताछ की गई थी तो उन्होंने भी बैठक में शामिल होने वाले विधायकों के नाम का खुलासा किया था। अब हमारी जांच में सामने आया है कि राजेश ऋषि और नितिन त्यागी न केवल उस कक्ष में मौजूद थे, बल्कि सीएस अंशु प्रकाश के सामने वाले सोफे पर बैठे थे और उन्हें धमकाने का काम कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला केवल मारपीट और बदसलूकी का नहीं बल्कि साजिश का भी है। नितिन त्यागी तो सीसीटीवी फुटेज में नजर भी आए हैं। इन दोनों के बयान इस मामले के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। सूत्रों ने इस ओर भी इशारा किया है कि अगर ये दोनों जांच में सहयोग करते नजर नहीं आते हैं तो इन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है और अगर ये चाहें तो गवाह बनकर इस मामले की जांच को आसान करते हुए पूरी साजिश पर से पर्दा हटा सकते हैं।
आज शाम को दोनों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। शाम को होने वाली पूछताछ में मुख्यतौर पर 19 फरवरी की आधी रात को हुई घटना के बारे में जानकारी मांगी जाएगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बताए गए कुछ संभावित सवाल
1- दोनों से पूछा जाएगा कि उस बैठक में शामिल होने के लिए कब और किसने बुलाया था।
2- सीएस के साथ मारपीट की नौबत क्यों आई? क्या यह एक साजिश के तहत हुआ था?
3- जब मारपीट हुई तो बीच-बचाव कराने का प्रयास क्यों नहीं किया गया?
4- अंशु प्रकाश ने आप दोनों पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और धमकी देने का आरोप लगाया है, क्या आपने ऐसा किया है?
5- वहां मौजूद अन्य विधायक उस समय क्या कर रहे थे?
6- सीएम और डिप्टी सीएम उस समय क्या कर रहे थे? क्या उन्होंने बीच-बचाव कराने या मामला शांत कराने की कोशिश नहीं की?
7- आधी रात को मीटिंग बुलवाने की क्या जरूरत आ गई थी?
6- उस दिन सीएम हाउस में मौजूद विधायक अपनी मर्जी से वहां आए थे या फिर उन्हें बुलाया गया था?
7- बताया जा रहा है कि मीटिंग राशन आदि से संबंधित विषय पर बुलाई गई थी, अगर ऐसा था तो फिर केवल चंद विधायकों को ही क्यों बुलाया गया? आप के अन्य विधायकों को क्यों नहीं बुलाया गया? क्या उनके इलाकों में राशन आदि की समस्या नहीं है?
हाई कोर्ट में आज है प्रकाश जारवाल की बेल की सुनवाई
सीएस अंशु प्रकाश से हुई मारपीट व बदसलूकी के मामले में गिरफ्तार आरोपी विधायकों प्रकाश जारवाल और अमानतुल्ला खान फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। आरोपी प्रकाश जारवाल की जमानत याचिका बुधवार को ही तीस हजारी की सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी थी जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट के सामने प्रकाश जारवाल की ओर से जमानत याचिका दायर की गई थी। इस संदर्भ में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 7 मार्च तक जवाब मांगा है।
खास बात यह है कि इस मामले में न केवल दिल्ली पुलिस बल्कि शिकायतकर्ता अंशु प्रकाश ने प्रकाश जारवाल ने पूरी तैयारी की हुई है। जहां दिल्ली पुलिस की ओर से अधिवक्ता संजय लॉ समेत दो वकील पैरवी कर रहे हैं, वहीं पीड़ित अंशु प्रकाश की ओर से अधिवक्ता राजीव मोहन व दिल्ली के जानेमाने क्रिमिनल लॉयर लूथरा ऐंड लूथरा पेश होंगे। सेशन कोर्ट में दिल्ली पुलिस और अंशु प्रकाश के वकीलों ने प्रकाश जारवाल की जमानत याचिका खारीज करने के लिए तमाम दलीलें दी थीं, जिसमें एक दलील यह भी थी कि दिल्ली के सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है।
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