मालदीव: पूर्व राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद नशीद बरी, रिहाई के आदेश

माले
मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने एक ऐतिहासिक फैसले में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया और सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब लंदन में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे नशीद और उनके समर्थकों की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।

हालांकि इस आदेश के बाद मालदीव की राजनीति में तूफान आ गया है। नशीद और उनके समर्थक राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। इस बीच पुलिस ने जश्न मना रहे नशीद समर्थकों पर देर रात लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। राष्ट्रपति यमीन ने देश के पुलिस प्रमुख को पद से हटा दिया है।

भारत समर्थक समझे जाने वाले नशीद ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी राजनीतिक बंदियों की तत्काल रिहाई, नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अनिवार्य रूप से इस फैसले को मानें और इस्तीफा दें। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे संघर्ष से बचें और शांतिपूर्ण राजनीतिक क्रियाकलाप में हिस्सा लें।’

मीडिया रिपोर्टो के मुताबिक इस फैसले के बाद राष्ट्रपति यमीन ने पुलिस कमिश्नर अहमद आरिफ को बर्खास्त कर दिया है। यही नहीं मालदीव सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वैधता पर भी सवाल उठा रही है। कोर्ट के इस फैसले के बाद मालदीव पुलिस ने कहा था कि वह इसका पालन करेगी लेकिन देर रात खुशियां मना रहे नशीद की मालदीव डेमोक्रैटिक पार्टी के कार्यकर्ताओं पर उसने लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और एमडीपी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया है। एमडीपी कार्यकर्ता अभी भी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रपति यमीन से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नशीद और जेल में बंद उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की रिहाई का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सभी राजनीतिक बंदियों के साथ निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं हुई है और इसलिए फिर से सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने उन 12 सांसदों को फिर से बहाल कर दिया है जो पिछले साल विपक्ष में शामिल हो गए थे। इसके साथ ही विपक्ष को संसद में बहुमत मिल गया है। मालदीव की संसद को राष्ट्रपति यमीन को हटाने का अधिकार है।

इस बीच मालदीव के प्रभावशाली नेता और पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पूरी तरह से लागू करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं रक्षा मंत्रालय, पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों से अपील करूंगा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करें। यह पूरी तरह से स्पष्ट और असंदिग्ध है। इसे पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए। मेरा सभी लोगों से अनुरोध है कि संयम बरतें और कानून का पालन करें।’

मालदीव में अमेरिकी राजदूत अतुल केशप ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘मैं राजनीतिक बंदियों की रिहाई के मालदीव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। मैं सरकार और सुरक्षा बलों से अपील करता हूं कि वे इस फैसले का पालन करें जो देश में लोकतंत्र को बढ़ावा देगा।’

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति नशीद को साल 2012 में तख्तापलट कर राष्ट्रपति पद से अपदस्थ कर दिया गया था। नशीद को 2015 में आतंकवाद के आरोपों में 13 साल की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद वह पिछले साल ही अपना इलाज कराने लंदन गए थे और वहां ब्रिटेन ने उन्हें शरण दे दी थी। नशीद और उनकी पार्टी मालदीव डेमोक्रैटिक पार्टी (MDP) ने भारत समर्थक सरकार बनाए जाने का वादा किया है। हिंद महासागर में स्थित मालदीव भारत के लिए कूटनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। चीन ने भी मालदीव को भारी मात्रा में कर्ज और आर्थिक सहायता दे रहा है।

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