मनोज तिवारी ने दी सीएम केजरीवाल को चर्चा की चुनौती
|बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सार्वजनिक चर्चा के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी है। यह चर्चा एमसीडी को पैसा मुहैया कराने और सरकार के विकास के काम न करने पर होगी।
तिवारी ने कहा है कि दिल्ली सरकार के अभिलेखों के अनुसार पिछले दो सालों में विकास के कामों पर खर्च में कमी आई है और दिल्ली सरकार ने एमसीडी के साथ राजस्व के बंटवारे पर चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को जानबूझकर रोक रखा है।
मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के डर से चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों को दिल्ली विधानसभा में पेश किया और उसे स्वीकार भी किया, लेकिन उसे कार्यान्वित नहीं किया। इससे एमसीडी को अपेक्षित सेवाएं देने का अवसर नहीं मिले और एमसीडी में बीजेपी नेतृत्व को बदनाम किया जा सके।
तिवारी ने कहा कि दिल्ली सरकार यह दावा करती है कि उसने एमसीडी को अधिक धन का आवंटन किया है, लेकिन सचाई यह है कि उन्हें आवंटित धन चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार मिल सकने वाले धन का 50 प्रतिशत भी नहीं है। इतना ही नहीं, एमसीडी को उसी अनुपात में धन दिया जा रहा है जितना उन्हें 2011 में दिया जा रहा था, जबकि केवल वेतन के ही बिल में छठे और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से 150 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ईस्ट एमसीडी का वेतन बिल ही 1600 करोड़ का है जबकि उसका कुल राजस्व 400 करोड़ है। दिल्ली सरकार ने 609 करोड़ रुपये का फंड दिया है, लेकिन म्युनिसिपल रिफॉर्म फंड देने से इनकार किया है।
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