भिलाई में पीएम मोदी ने राष्ट्र को सौंपा आधुनिक स्टील संयंत्र

भिलाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस्पात कंपनी सेल के भिलाई में आधुनिकीकृत और विस्तारित स्टील कारखाना आज राष्ट्र को समर्पित किया। यह कारखाना छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में है। इसके साथ भारतीय इस्पात प्राधिकरण (SAIL) का करीब 72,000 करोड़ रुपये का आधुनिकीकरण और विस्तार कार्यक्रम पूरा हो गया है। इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता मौजूदा 1.3 करोड़ टन सालाना से बढ़कर 2.1 करोड़ टन सालाना हो जाएगी।

यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भिलाई इस्पात कारखाना नए भारत के आधार को स्टील से भी मजबूत बनाएगा। मोदी ने यह भी कहा कि वह करीब 22,000 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाएं छत्तीसगढ़ की जनता को समर्पित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री एक दिन की छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन किया। इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि चार साल पहले स्टील क्षेत्र कठिन समय से गुजर रहा था लेकिन आज भारत दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश है।

उन्होंने कहा कि भिलाई इस्पात कारखाना आज एक पीस में 130 मीटर लंबी रेल पटरी बना रही है जो दुनिया में सबसे लंबी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह और दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा भी इस मौके पर मौजूद थे। करीब 18,800 करोड़ रुपये के निवेश से बने नये एवं आधुनिकीकृत भिलाई इस्पात संयंत्र की उत्पादन क्षमता 47 लाख टन सालाना होगी। यह सेल के सभी कारखानों में सर्वाधिक है।

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र अपने उत्पादन के 60वें वर्ष में है। भिलाई के पहले ब्लास्ट फर्नेस को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 4 फरवरी 1959 को देश को समर्पित किया था। सेल-भिलाई ने 150 लाख टन रेल का उत्पादन किया है, जिससे पृथ्वी को 11 बार लपेटा जा सकता है। भिलाई संयंत्र में उत्पादित रक्षा ग्रेड स्टील का इस्तेमाल नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, अंतरिक्षयानों आदि के निर्माण में किया जा रहा है।

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