भारत 6.5 अरब डॉलर के तेल बकाए पर ईरान को 1.5% ब्याज देने पर राजी
|भारत सद्भावना के साथ ईरान को एस्सार ऑइल और मंगलूर रिफाइनरी (MRPL) जैसी रिफाइनिंग कंपनियों द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल के 6.5 अरब डॉलर के बकाए पर 1.5 प्रतिशत की दर से ब्याज देने पर राजी हो गया है। ईरान ने भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों पर 6.5 अरब डॉलर के बकाए पर लिबॉर के अलावा 0.75 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त ब्याज की मांग की थी ताकि विदेशी मुद्रा में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘हालांकि हमारा मानना है कि कोई ब्याज बकाया नहीं है लेकिन ईरान के प्रति सद्भावना दिखाते हुए तेल कंपनियां ब्याज भुगतान पर सहमत हो गई हैं।’ उन्होंने कहा, ‘सात दिन का अमेरिकी लिबॉर और 75 बेसिस पॉइंट मिलाकर 1.5 प्रतिशत का ब्याज दर बनता है।’
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जब ईरानी केंद्रीय बैंक के गवर्नर वलिउल्लाह सैफ से 9 अप्रैल को तेहरान में मुलाकात की थी तो उन्होंने ब्याज दर की मांग की थी। ईरान एक्सचेंज रेट से पैदा अंतराल की भरपाई के लिए अतिरिक्त ब्याज भुगतान की मांग कर रहा है। फरवरी 2013 में डॉलर की कीमत 55 रुपये के बराबर थी जब 45:55 पेमेंट सिस्टम लागू हुआ था। अभी डॉलर की कीमत करीब 67 रुपये है।
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वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, ‘ईरान को लगता है कि एक्सचेंज रेट में बदलाव की वजह से उसे 1,500 करोड़ रुपये का घाटा नुकसान उठाना पड़ेगा जिसकी भरपाई ब्याज दर से हो सकती है।’ ईरान ने मंगलूर रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (एमआरपीएल) जैसी भारतीय रिफाइनरियों को अमेरिकी 80 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से कच्चा तेल बेचा था।
Read in English: India to pay 1.5% interest on $ 6.5bn Iran oil dues
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