भारत में यहां होती है सांडों के साथ फाइट, काबू करने पर मिलता है इनाम

नई दिल्ली/चेन्नई. पोंगल के दौरान सांड या बैलों को काबू करने वाले खेल (जल्लीकुट्टी) से केंद्र सरकार ने रोक हटा ली है। लंबे समय से विवादों में रहा यह खेल 5 साल बाद फिर तमिलनाडु समेत साउथ इंडिया के कई हिस्सो में होगा। बता दें कि 13 जनवरी से साउथ इंडिया में पोंगल की शुरुआत होगी।   क्यों लगा था जल्लीकुट्टी पर बैन…   – तमिलनाडु के परंपरागत खेल में सांड या बैलों के बीमार होने और क्रूरता के कई मामले सामने आए थे।  – 2011 में पर्यावरण मंत्रालय ने जल्लीकुट्टी पर रोक लगाई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बैन को सही ठहराया था। – जल्लीकुट्टी में सांड को काबू करने वाले विनर को लाखों रुपए का कैश प्राइज दिया जाता है। इसे देसी बुल फाइट भी कहते हैं।      क्या है मंत्रालय के नोटिफिकेशन में?   – पर्यावरण मंत्रालय ने शुक्रवार को तमिलनाडु में जल्लीकुट्टी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, केरल और गुजरात में बैलगाड़ी दौड़ को मंजूरी दी।  – सरकार के नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि इन परंपरागत खेलों के दौरान एनीमल्स के साथ क्रूरता ना हो और सिक्युरिटी के पुख्ता इंतजाम हों।  -…

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