भारत में ‘एवरी डे लो प्राइस’ मॉडल ले आई वॉलमार्ट, तो सेलर्स पर बढ़ेगा दबाव
|देश की टॉप ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल फ्लिपकार्ट पर अपने प्रॉडक्ट्स बेचने वाले सेलर्स को चिंता है कि वॉलमार्ट अपना ग्लोबल एवरी डे लो प्राइसिंग बिजनेस मॉडल लाकर बड़े डिस्काउंट देगी। बड़ी टक्कर फूड रिटेल में होगी, जिसमें 100 पर्सेंट फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) की अनुमति है। एमेजॉन ने पहले ही अपना फूड रिटेलिंग बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार से मंजूरी ले ली है। फ्लिपकार्ट से जुड़े कुछ सेलर्स ने बताया कि वॉलमार्ट के कंट्रोल में आने के बाद फ्लिपकार्ट में प्रोसेस पर अधिक जोर दिया जाएगा और सप्लाई चेन में सुधार होगा, जिससे वह एमेजॉन को कड़ी टक्कर दे सकेगी।
वॉलमार्ट को ‘एवरी डे लो कॉस्ट, एवरी डे लो प्राइसेज’ ऑफर के साथ दुनिया की टॉप रिटेलर बनने में मदद मिली थी। अगर वॉलमार्ट इस बिजनेस मॉडल को भारत में लाती है तो ऑनलाइन रिटेलिंग साइट्स पर बिक्री करने वाले छोटे कारोबारियों पर दबाव बढ़ेगा और उन्हें बिजनेस से बाहर भी होना पड़ सकता है। सेलर्स को आशंका है कि वे वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट और एमेजॉन जैसी दो बड़ी ताकतों के बीच फंस जाएंगे। हालांकि, इससे कस्टमर्स को फायदा होगा क्योंकि उन्हें कम प्राइसेज पर प्रॉडक्ट्स उपलब्ध होंगे।
इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स बेचने वाले एक कारोबारी ने आशंका जताई कि वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील से कुछ समय के लिए बड़े डिस्काउंट का दौर वापस लौट सकता है। उनका कहना था, ‘भारी डिस्काउंट बड़ी सेल्स इवेंट तक ही सीमित हो गए थे, लेकिन इस सौदे के बाद छूट बढ़ सकती है। एमेजॉन भी डिस्काउंट की दौड़ में उतर सकती है। यह कम से कम शुरुआती महीनों में हो सकता है क्योंकि वॉलमार्ट अपना दबदबा दिखाना चाहेगी।’ हालांकि, 2016 में घोषित किए गए मार्केटप्लेस रेगुलेशंस के तहत ऐसे बिजनेस मॉडल पर रोक है, जो ई-कॉमर्स कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर कीमतों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से असर डालते हैं।
ई-कॉमर्स के मार्केटप्लेस-बेस्ड मॉडल एक डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर एक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने से संबंधित है और ई-कॉमर्स कंपनी बायर और सेलर के बीच केवल एक मध्यस्थ की भूमिका निभा सकती है। कुछ सेलर्स को आशंका है कि वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट को खरीदने की डील से अमेरिका की कंपनियों को भारत में अपने प्रॉडक्ट्स बेचने का मौका मिल सकता है।
एमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर बिक्री करने वाले ऑनलाइन क्राफ्ट ब्रांड, एक्सक्लूसिवलेन के को-फाउंडर, ध्रुव गोयल ने बताया, ‘एमेजॉन ने पहले ही भारत में कुछ अमेरिकी प्रॉडक्ट्स बेचने का मौका दिया है और वॉलमार्ट भी ऐसा कर सकती है। हालांकि, भारतीय सेलर्स को भी बाद में वॉलमार्ट के जरिए अमेरिका में बिक्री करने का मौका मिल सकता है।’
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