भारत ने डब्ल्यूटीओ की बैठक में खाद्य भंडारण के स्थायी हल की मांग की
|मंत्री ने कहा कि स्थायी हल के तहत सभी विकासशील सदस्य देशों और अल्पविकसित देशों के मौजूदा एवं भविष्य के कार्यक्रमों को शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि यह लाखों गरीब लोगों के जीवनयापन के लिए है।
प्रभु ने जी-33 देशों की बैठक में भाग लेने के बाद ट्विटर पर यह बात कही।
जी-33 ऐसे 47-विकासशील देशों का समूह है जिनकी चुनौतियां और उद्देश्य एक समान है। यह समूह खाद्य सुरक्षा तथा किसानों के जीवनयापन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को लेकर मुखर रहा है।
प्रभु ने सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे पर संगठित कदम उठाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि विकासशील देशों में कृषि मुख्यत: वर्षा आधारित है और वहां लाखों गरीब लोगों को दो वक्त का खाना मुहैया कराने के लिए यह बेहद जरूरी है। उन्होंने विशेष बचाव तंत्र की भी वकालत करते हुए कहा कि यह विकासशील देशों को आयात पर रोक लगाने और मूल्य नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विकसित देशों में कृषि उत्पादों पर भारी छूट मिलने के कारण इनका विकासशील देशों में आयात काफी सस्ता हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि भारत वि व्यापार संगठन के वैकि व्यापार प्रावधानों में बदलाव की लंबे समय से वकालत करता आया है।
भाषा
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