भारत ने एच1बी वीजा मामले को अमेरिका के सामने उठाया
|भारत ने मंगलवार को कहा कि उसने अमेरिकी कांग्रेस में एच1बी वीजा नियमों में बदलाव के लिए पेश किए गए विधेयक से जुड़ी अपनी चिंताओं से अमेरिका को अवगत करा दिया है।
माना जा रहा है कि ऐसा कोई भी बदलाव भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग और अमेरिका में प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रहे भारतीयों पर विपरीत असर डालेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘भारत के हितों और चिंताओं से अमेरिकी प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस, दोनों को उच्चस्तर पर अवगत करा दिया गया है।’
कैलिफोर्निया के सांसद जो लोफग्रेन ने प्रतिनिधि सभा में ‘हाई-स्किल्ड इंटीग्रिटी ऐंड फेयरनेस ऐक्ट 2017′ पेश किया है। इसमें एच1बी वीजाधारकों के मौजूदा न्यूनतम वेतन को 60000 डॉलर से बढ़ाकर 130,000 डॉलर करने का प्रस्ताव किया गया है। ऐसा होने पर इससे आईटी सेक्टर में काम करने वाले भारतीयों पर विपरीत असर पड़ना तय माना जा रहा है क्योंकि इतने वेतन पर कंपनियां उन्हें नियुक्त करने से हिचकेंगी।
विधेयक पर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का हस्ताक्षर होने की संभावना है। इसके बाद अमेरिकी कंपनियों के लिए यह मुश्किल हो जाएगा कि वे अमेरिकी कर्मियों को हटाकर उनकी जगह कम वेतन पर भारत समेत अन्य विदेशी कर्मियों को नियुक्त कर सकें। ट्रंप एच1बी वीजा पर कार्यकारी आदेश जारी करने की तैयारी में हैं। इससे पहले इस आदेश की जानकारी कुछ वेबसाइट पर सोमवार को जारी हो गई।
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