भारत की बढ़ती ताकत का एक और नमूना, पहली बार होगी बोफा के ग्लोबल काउंसिल की मीटिंग

जोएल रिबेलो, मुंबई
बैंक ऑफ अमेरिका (BofA) की ताकतवर वैश्विक सलाहकार परिषद (GAC) की मीटिंग भारत में होने जा रही है। कारोबार, शिक्षा और लोक नीति जैसे क्षेत्रों की 14 जानीमानी हस्तियों से बने इस बोर्ड की भारत में यह पहली मीटिंग होगी जो कारोबारी दुनिया में भारत की बढ़ती हैसियत का एक और नमूना है।

अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी की अध्यक्षता वाले इस बोर्ड में बोफा के सीईओ ब्रायन मोयनिहेन के अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी समेत विभिन्न देशों के कुल 12 बिजनस और पॉलिसी लीडर्स होंगे। बोफा की ग्लोबल अडवाइजरी काउंसिल की हर साल दो दिवसीय बैठक होती है जो इस बार 28 फरवरी ओर 1 मार्च को मुंबई में आयोजित होने जा रही है।

बोफा के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इस महीने के आखिर में मीटिंग होगी। बोफा अमेरिका का दूसरा बड़ा बैंक है। दिसंबर के आखिर में इसकी कुल संपत्ति 2.28 लाख करोड़ डॉलर (करीब 146 लाख करोड़ रुपये) थी। जीएसी दुनियाभर के बैंकों को ग्लोबल स्ट्रैटिजी और ऑपरेशंस के मसले पर सलाह देती है और उन्हें दुनियाभर में संबंधों और अवसरों के मोर्चे पर मदद करती है। यह स्थानीय बाजार में पैदा होनेवाले अवसरों पर भी अपना नजरिया पेश करती है जिससे बोफा फायदा उठा सके।

जॉन केरी को अक्टूबर 2017 में जीएसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया। बोफा भारत में पिछले 53 सालों से मौजूद है। इसने 1964 में अपनी पहली शाखा मुंबई में खोली थी। अभी मुंबई के अलावा दिल्ली, बेंगलुरु और चेन्नै में भी इसके ब्रांच हैं जो मुख्य रूप से वहां की कंपनियों को सेवा मुहैया कराते हैं।

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