भारत और PAK का था एक आर्मी चीफ, सरदार पटेल ने लगाई थी फटकार
|नई दिल्ली। अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान ने पठान कबिलाइयों, पूर्व सैनिकों तथा ‘अवकाश पर गए‘ सैनिकों की टुकड़ी से जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण कर दिया। ब्रिटिश थे भारत की थल सेना के अध्यक्ष… यह एक अनोखा युद्ध था। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें दोनों देशों की सेनाओं का नेतृत्व तीसरे देश के सेनाध्यक्ष के हाथ में था। ब्रिटिश जनरल नए-नए बने देश भारत और पाकिस्तान की सेनाओं का नेतृत्व कर रहे थे। यहां तक कि भारत में कैबिनेट की डिफेंस कमेटी की अध्यक्षता लार्ड माउंटबेटन द्वारा की जा रही थी न कि प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा। भारत पाकिस्तान से कैसे निपटे इसका फैसला उन ब्रिटिश अधिकारियों को लेना था जो दोनों सेनाओं के उच्च पदों पर थे। 15 जनवरी को थलसेना दिवस है। dainikbhaskar.com इस मौके पर बताने जा रहा है भारतीय थल सेना से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें… भारतीय सेना के ब्रिटिश अधिकारी अगस्त 1947 के बाद तीन ब्रिटिश अधिकारी भारतीय सेना में सेवारत थे। सेनाध्यक्ष के रूप में लॉकहार्ट 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 1947 तक रहे इसके बाद बाऊचर एक जनवरी 1948 से 14 जनवरी 1949 और आर्मी…