भारतीय मूल के छात्र ने ‘बोरिंग’ पढ़ाई के लिए ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय पर किया केस

लंदन
भारतीय मूल के एक छात्र ने ‘उबाऊ’ पढ़ाई कराने के लिए ऑक्सफर्ड विश्वविद्यालय के खिलाफ मुकदमा किया है। छात्र का कहना है कि पढ़ाने के इस बोरिंग तरीके की वजह से ही उसे सेकंड डिविजन की डिग्री मिली और इस वजह से वकील के तौर पर अपने करियर में उसकी कमाई पर असर पड़ा। फैज सिद्दीकी नाम के इस छात्र ने विश्वविद्यालय के ब्रासनोस कॉलेज में आधुनिक इतिहास की पढ़ाई की थी।

छात्र ने कॉलेज के कर्मचारियों पर भारतीय साम्राज्य इतिहास से संबंधित अपने विशेष विषय पाठ्यक्रम के ‘लापरवाह’ शिक्षण का आरोप लगाया है। उसने कहा कि इसी वजह से साल 2000 में उसे कम नंबर मिले। लंदन के हाई कोर्ट ने इस हफ्ते मामले की सुनवाई की। उम्मीद है कि इस महीने के आखिर में अदालत अपना फैसला सुना सकती है।

‘द संडे टाइम्स’ अखबार की खबर के अनुसार सिद्दीकी के वकील रोजर मलालियू ने न्यायाधीश से कहा कि समस्या तब आयी जब एशियाई इतिहास पढ़ाने वाले सात शिक्षण कर्मचारियों में से चार शैक्षणिक वर्ष 1999-2000 के दौरान अध्ययन अवकाश पर चले गए।

सिद्दीकी का मानना है कि अगर उसे कम नंबर नहीं मिले होते तो अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक वकील के तौर पर उसका करियर और बेहतर होता। उसने कहा कि इस दौरान हुई पढ़ाई के ‘उबाउ’ होने के कारण उसका करियर प्रभावित हुआ जिसके लिए विश्वविद्यालय जिम्मेदार है।

सिद्दीकी अवसादग्रस्त है और उसे अनिद्रा की समस्या है। उसका कहना है कि इसका कारण ‘परीक्षाओं के निराशाजनक नतीजे’ हैं। वहीं विश्वविद्यालय ने अपनी सफाई में कहा है कि यह दावा आधारहीन है और मामला खारिज कर दिया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय का कहना है कि सिद्दीकी को पढ़ाई पूरी किए काफी साल गुजर चुके हैं। हालांकि विश्वविद्यालय ने स्वीकार किया है कि उस साल ‘हालात मुश्किल’ थे।

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