भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ियों में आत्मविश्वास की कमी: कोच
|पिछले कुछ समय से भारतीय महिला हॉकी टीम के परिणाम अच्छे आ रहे हैं लेकिन इसके कोच मारिने सोर्ड को लगता है कि टीम में ऊंची रैंकिंग की प्रतिद्वंद्वी टीमों के खिलाफ आत्मविश्वास में कमी है और वह इस समस्या का निदान टीम को ‘व्यस्त रखकर’ करने की कोशिश कर रहे हैं।
सोर्ड ने पिछले महीने टीम की जिम्मेदारी संभाली और उनके साथ पहले ही टूर्नमेंट में टीम ने हाल में वेस्ट वैंकुवर में हाकी विश्व लीग के दूसरे दौर का खिताब जीत लिया। इस जीत से टीम को अगले दौर -हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल- में पहुंचने में मदद मिली जो विश्व कप का क्वॉलिफायर भी है।
हॉलैंड से बात करते हुए इस 42 वर्षीय कोच ने पीटीआई से कहा, ‘मुझे जो समझ में आता है, वह भारतीय लड़कियों में आत्मविश्वास की कमी है। वे मैदान पर उतरने से पहले ही कभी-कभार मैच हार जाती हैं। मुझे लगता है कि वे जब ऊंची रैंकिंग की टीम के खिलाफ खेलती हैं तो खुद को छोटा समझती हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं उन्हें व्यस्त रखना चाहता हूं और खुद और टीम के बारे में सोचने पर मजबूर कराना चाहता हूं, अन्य के बारे में नहीं। दूसरों के बारे में सोचने से ध्यान गलत चीजों पर ही जाता है। मैं उनके अपने खेल पर ही ध्यान केंद्रित कराना चाहता हूं।’
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