भारतीयों की दाल की मांग को पूरा करेगा मोजाम्बिक
|भारत की बढ़ती दाल की मांग को देखते हुए मोजाम्बिक अब दाल का उत्पादन करेगा। मंगलवार को कैबिनेट ने अफ्रीकी देश मोजाम्बिक से दाल उत्पादन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसका मकसद दालों के मौजूदा आयात को 1 लाख टन से बढ़ाकर 2020-21 तक 2 लाख टन करना है।
निर्णय की घोषणा करते हुए आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि मोजाम्बिक में उत्पादित होने वाली दालों का स्वाद भी भारत में उत्पादित होने वाली दालों जैसा ही होगा। अधिकारियों ने कहा कि सामान्यत: आयातित दालों का स्वाद भारत की दालों जैसा नहीं होता है, जिसके कारण यहां दालों के ज्यादा खरीदार भी नहीं मिल पाते हैं। सूत्रों ने कहा, सरकार मोजाम्बिक को उच्च श्रेणी के बीज और तकनीक उपलब्ध कराएगी। सरकार वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ मोजाम्बिक में उत्पादित पूरी दाल भी खरीदेगी। सरकारी रिलीज के अनुसार मोजाम्बिक में उत्पादित दाल को प्राइवेट चैनल या सरकार से सरकार (G2G) सेल्स
गौरतलब है कि दालों की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर दबाव में आई सरकार ने दो टीमों को दालों का विकल्प खोजने के लिए म्यांमार और मोजाम्बिक भेजा था। म्यांमार ने साफ तौर पर सरकार के प्रतिनिधिमंडल से G2G ट्रेड प्रक्रिया नहीं होने के कारण निजी तरीका अपनाने के लिए कहा था। वहीं, मोजाम्बिक ने कहा कि वह भारत सरकार की तरफ से उत्पादित पूरी दाल खरीदने के आश्वासन के साथ ही दालों का उत्पादन करेगा। हमारे सहयोगी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया ने 27 जून को ही मोजाम्बिक के प्रस्ताव के बारे में खबर दी थी। 2015-16 में भारत में दालों का कुल उत्पादन 17 मिलियन टन और आयात 5.79 मिलियन था।
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