ब्रिटिश-अमेरिकन प्रफेसर डीटन को मिला इकनॉमिक्स का नोबेल

स्टॉकहोम

ब्रिटिश-अमेरिकन इकनॉमिस्ट एंगस डीटन (69 वर्ष) को अर्थशास्त्र का नोबेल प्राइज देने का ऐलान किया गया है। एंगस ने बताया था कि राष्ट्रीय आय जैसे औसत वाले आंकड़े भ्रामक हो सकते हैं, क्योंकि उनमें अंतर छुपे होते हैं। उनके मुताबिक, गरीबी हटाने वाली और कल्याणकारी आर्थिक नीति के लिए हमें व्यक्तिगत स्तर की खपत को ध्यान में रखना होगा। विदेशी सहायता के घोर विरोधी एंगस का अध्ययन विकासशील देशों की गरीबी मापने पर केंद्रित रहा है।

रॉयल स्वीडिश अकैडमी ऑफ साइंस ने कहा, ‘डीटन ने लोगों के खपत संबंधी निजी फैसलों और समूची अर्थव्यवस्था पर उसके असर में एक संबंध होने पर जोर दिया है। उनके शोध कार्य से मॉडर्न माइक्रोइकनॉमिक्स, मैक्रोइकनॉमिक्स और डिवेलपमेंट इकनॉमिक्स को रूप बदलने में मदद मिली है।’

अकैडमी ने कहा, ‘जन कल्याण को बढ़ावा देने और गरीबी घटाने वाली इकनॉमिक पॉलिसी बनाने के लिए हमें पहले लोगों की खपत की निजी पसंद को समझना होगा। इस समझ को एंगस डीटन ने दूसरों से ज्यादा बढ़ावा दिया है।’ डीटन को नोबेल पुरस्कार तीन उपलब्धियों के चलते मिला है। इन्होंने 1980 के आसपास अलग-अलग सामान की मांग का अनुमान लगाने के लिए अपने सहयोगी जॉन म्यूबॉवा के साथ मिलकर एक सिस्टम डिवेलप किया था। खपत और आय के बीच संबंध स्थापित करने के लिए 1990 के आसपास कुछ शोध किए थे। बाद के दशक में उन्होंने विकासशील देशों में परिवारों के सर्वेक्षण की मदद से जीवन स्तर और गरीबी की पैमाइश का तरीका पता करने पर शोध किया था।

69 साल के डीटन 1983 से अमेरिका के प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में इकनॉमिक्स और इंटरनेशनल अफेयर्स के प्रफेसर हैं। उनको 80 लाख स्वीडिश क्रोनर यानी 9,50,000 डॉलर की पुरस्कार राशि मिलेगी। पिछले साल फ्रांस के इकनॉमिस्ट ज्यां तिरोलेस को बड़ी कंपनियों, मार्केट पावर और रेगुलेशन के अनैलेसिस के लिए इकनॉमिक्स का नोबेल दिया गया था। डीटन यह पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में होने वाले कार्यक्रम में ग्रहण करेंगे। इस दिन स्वीडन के मशहूर साइंटिस्ट अल्फ्रेड नोबल की पुण्यतिथि पड़ती है।

इकनॉमिक्स का नोबेल पुरस्कार ऐसा है जिसका जिक्र मूल रूप से नोबेल की वसीयत में नहीं था। स्वीडन के सेंट्रल बैंक ने 1968 में अपनी तीन सौंवी वर्षगांठ के मौके पर इस पुरस्कार की शुरुआत करने का ऐलान किया। इकनॉमिक्स का पहला नोबेल पुरस्कार अगले साल यानी 1969 में दिया गया। बाकी नोबेल पुरस्कार तो 1901 से ही दिए जा रहे हैं। इकनॉमिक्स के नोबेल पुरस्कार का ऐलान सबसे अंत में हुआ था।

पिछले हफ्ते जिन नोबेल पुरस्कारों का एलान हुआ, उनमें से साहित्य का नोबेल बेलारूस की लेखिका स्वेतलाना अलेक्सेयविच और शांति का नोबेल पुरस्कार ट्यूनीशिया के नैशनल डायलॉग क्वॉटरेट को दिया गया। यह चार सिविल सोसायटी का ग्रुप है, जिसने अरब स्प्रिंग से जन्मे एक लोकतंत्र को बचाने में बड़ा योगदान किया है।

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