ब्याज दरों में 2 फीसदी की कटौती चाहता है एसोचैम

हैदराबाद
उद्योग निकाय एसोचैम ने गुरुवार को कहा कि ब्याज दरों में दो फीसदी की कमी करने की जरूरत है, ताकि भारतीय उद्योग जगत प्रतिस्पर्धी बन सके। एसोचैम के अध्यक्ष संजीव जाजोदिया ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा में एक बार फिर ब्याज दरों को घटाने का मौका खो दिया है।

एसोचैम की प्रबंधन समिति की बैठक हैदराबाद में हुई। इस बैठक में केंद्र सरकार से ब्याज दरों, गैरनिष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए), प्रमुख उद्योगों की मांग में आई कमी का समाधान करने की गुजारिश की गई। एसोचैम ने बैंकों के फंसे हुए कर्ज की वसूली के लिए लचीला और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।

उद्योग निकाय ने सिफारिश की है कि किसी खाते को सामान्य खाते से एनपीए खाता में बदलने की 90 दिन की अवधि को बढ़ाकर 180 दिन कर दी जाए। जाजोदिया ने कहा, ‘एक बार जब खाते को एनपीए में बदल दिया जाता है तो कामकाजी पूंजी फंस जाती है, जिससे उद्योग की परेशानी और बढ़ जाती है। इस अवधि को बढाने की सबसे ज्यादा जरूरत इस्पात, बिजली, दूरसंचार और आधारभूत संरचना के क्षेत्र को है।’

उन्होंने कहा कि प्रमुख उद्योग मांग की कमी से जूझ रहे हैं, जिससे एनपीए में वृद्धि हो रही है। आम बजट में बुनियादी क्षेत्र को चार लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। उम्मीद है कि इससे इस्पात, सीमेंट और अन्य बिल्डिंग मैटेरियल की मांग बढ़ेगी और रोजगार का सृजन होगा।

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