बैंकों से अब बस 4 कैश ट्रांजैक्शन फ्री, 5वें से देने होंगे 150 रुपये
|बैंकों से कैश लेन-देन अब महंगा हो गया है। एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक ने कैश ट्रांजैक्शन पर शुल्क लगाना शुरू कर दिया है। एक महीने में चार मुफ्त लेन-देन के बाद हर बार 150 रुपये न्यूनतम शुल्क लिया जाएगा। यह नियम एक मार्च से सेविंग और सैलरी अकाउंट पर लागू कर दिया गया है। माना जा रहा है कि कैश ट्रांजैक्शन में कमी और डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है।
#HDFC Bank, #ICICI Bank and others start charging for cash transactions; Rs 150 minimum charge after 4 free transactions a month.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 1, 2017
प्राइवेट सेक्टर के अगुआ बैंक एचडीएफसी ने अपने एक सर्कुलर में कहा है कि पहले चार ट्रांजैक्शन मुफ्त होंगे, इसके बाद हर बार 150 रुपये फाइन के अलावा टैक्स और सेस वसूल किया जाएगा। थर्ड पार्टी कैश ट्रांजैक्शन पर भी प्रतिदिन 25,000 रुपये की सीमा तय कर दी गई
आईसीआईसी बैंक 8 नवंबर को हुई नोटबंदी की घोषणा से पहले के समान शुल्क वसूल कर रहा है। बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, महीने में पहले चार ट्रांजैक्शन फ्री रहेंगे। इसके बाद प्रति हजार 5 रुपये का शुल्क लिया जाएगा जो महीने में न्यूनतम 150 रुपये हो सकता है। थर्ड पार्टी लिमिट प्रतिदिन 50000 हजार रुपये है। नॉन होम ब्रांच से महीने में एक बार कैश निकासी पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, लेकिन उसके बाद प्रति हजार 5 रुपये देने होंगे, जोकि न्यूनतम डेढ़ सौ रुपये होगा। कैश डिपॉजिट पर बैंक प्रति हजार पांच रुपये चार्ज करेगा। कैश डिपॉजिट मशीन से भी महीने में एक बार ही मुफ्त में रुपये जमा कराए जा सकते हैं। इसके बाद यहां भी 5 रुपये प्रति हजार देने होंगे।
एक्सिस बैंक ने पहले पांच ट्रांजैक्शन या फिर 10 लाख रुपये तक नकदी जमा या निकासी पर कोई शुल्क नहीं लगाया है। इसके बाद 5 रुपये प्रति हजार या 150 सौ रुपये देने होंगे (जो भी अधिक हो)। अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि क्या सरकारी बैंकों ने भी इस तरह का शुल्क लेना शुरू कर दिया है या नहीं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से इस तरह के किसी चार्ज को लेकर कोई निर्देश नहीं मिला है।
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