बैंकिंग अधिनियम संशोधन से एनपीए की समस्या के समाधान में मदद मिलेगी: लवासा
|लवासा ने यहां संवाददाताओं से कहा,एनपीए में कितनी कमी होगी इसके बारे में कोई संख्या बताना मेरे लिए संभव नहीं होगा लेकिन निश्चित रूप से हमारा मानना है कि इन बदलावों से प्रणाली फंसे कर्ज से निपटने में अधिक प्रभावी हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि कंेद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकांे मंे गैर निष्पादित आस्तियांे :एनपीए: की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन को अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। शीर्ष सूत्रांे ने आज यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का डूबा कर्ज या एनपीए 6 लाख करोड़ रपये के भारी-भरकम आंकड़े पर पहुंच चुका है।
लवासा ने कहा कि देश की बैंकिंग प्रणाली में मौजूद पेशेवर रख तथा प्रवर्तकों की भागीदारी के साथ हम अनेक मामलों को निपटा पाएंगे।
उन्होंने कहा कि संशोधनों से नियामक भारतीय रिजर्व बैंक तथा बैंक एनपीए की समस्या से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठा पाएंगे।
लवासा ने कहा कि भागीदारों के साथ विचार विमर्श के बाद ही सरकार ने कुछ संशोधनों का फैसला किया है जो कि बैंकिंग क्षेत्र के बढ़ते कर्ज से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जरूरी हैं।
लवासा ने हालांकि प्रस्तावित संशोधनों का खुलासा नहीं किया।
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