बेंगलुरु-चेन्नै कॉरिडोर पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए भारत ने चीन से मांगी मदद
|आगरा और झांसी रेलवे स्टेशन के विकास के अलावा भारत ने बेंगलुरु-चेन्नै कॉरिडोर पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए चीन से मदद मांगी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। दोनों देशों के बीच यहां आयोजित स्ट्रैटिजिक इकनॉमिक डायलॉग (SED) में यह प्रस्ताव रखा गया।
नीति आयोग के वॉइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा, ‘हमने उन्हें बेंगलुरु-चेन्नै कॉरिडोर पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के प्रस्ताव दिया है।’
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SED में राजीव कुमार के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल और चाइना नैशनल डिवेलपमेंट ऐंड रिफॉर्म कमिशन (NDRC) के चेयरमैन ही लीफेंग के बीच वार्ता हुई। बेंगलुरु-चेन्नै कॉरिडोर की स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटा बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे पहले भारत ने चीन के सामने आगरा और झांसी स्टेशन को विकसित करने का प्रस्ताव रखा था।
कुमार ने बताया कि चाइनीज पक्ष प्रस्ताव पर विचार करने के बाद प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने बताय कि चाइनीज पक्ष को यह भी बताया गया कि रेलवे स्टेशनों के विकास का प्लान बड़ा है और इसमें 600 स्टेशन शामिल हो सकते हैं। हालांकि, भारत में हाई स्पीड ट्रेनों (बुलेट ट्रेन) को लेकर दोनों पक्षों में कोई बात नहीं हुई है। चीन यहां हाई स्पीड कॉरिडोर विकसित करने की इच्छा जाहिर करता रहा है और नई दिल्ली-चेन्नै कॉरिडोर पर फीजबिलटी स्टडी में जुटा है।
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मुंबई-अहमदाबाद के बीच भारत के पहले बुलेट ट्रेन कॉरिडोर को जापान की सहायता से तैयार किया जाएगा। चीन में बुलेट ट्रेन का सबसे बड़ा नेटवर्क है। देश के कई बड़े शहर 20 हजार किलोमीटर लंबे लाइनों से जुड़े हैं।
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