‘बीयर कंपनियों के लिए सड़ा रहे अनाज’
| नई दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि हर साल बरसात में अनाज को जानबूझकर भीगने दिया जाता है। इससे किसान कंगाल होते हैं और सारा लाभ बीयर कंपनियों को मिल जाता है। इस सारे घपले में अफसर भी मालामाल हो जाते हें। उन्होंने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से मामले की जांच कराने और सभी मंडियों में वाटरप्रूफ शेड बनवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि राजधानी की सबसे बड़ी नरेला अनाज मंडी में करोड़ों का गेहूं, धान, तिलहन, दलहन आदि भीगकर खराब हो रहा है। बोरों के अंदर भरे अनाज के अंकुर निकल आए हैं। अनाज को पहले जानबूझकर खुले में रखवाया जाता है और जब यह भीगकर खराब हो जाता है तो इसे कौड़ियों के दाम में बेचा जाता है। सड़े अनाज का इंतजार देश की बीयर बनाने वाली कंपनियां करती है। मंडी के अफसर सड़े अनाज को बीयर कंपनियों से मिलीभगत करके नीलाम करते हैं। यह नीलामी कभी-कभी 25 से 50 पैसे प्रतिकिलो के भाव से होती है। दिल्ली में यह धंधा काफी दिनों से चल रहा है। इसलिए सभी अनाज मंडियों-नरेला, नया बाजार, नजफगढ़ और शाहदरा में बड़े पैमाने पर वाटरप्रूफ शेड बनाए जाएं, ताकि अनाज खराब न हो।
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