बीजेपी विधायक ओपी शर्मा की सदस्यता हो सकती है रद्द
|दिल्ली विधानसभा की एथिक्स कमिटी ने बीजेपी विधायक ओपी शर्मा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। कमिटी की रिपोर्ट बुधवार को सदन में पेश की गई और गुरुवार को इस पर फैसला होगा। उन पर एक महिला विधायक के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का मामला है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कमिटी के सामने ओपी शर्मा को छठी विधानसभा की सदस्यता से निष्कासित किए जाने की सिफारिश करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में बीजेपी विधायक को शीतकालीन सत्र के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया था और इस मामले की जांच का जिम्मा विधानसभा की एथिक्स कमिटी को सौंपा गया था।
कमिटी ने तीन महीने की जांच के दौरान कुल दस बैठकें कीं। कमिटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में शर्मा को दोषी बताया है और उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शर्मा ने पिछली भूलों से कुछ नहीं सीखा है और उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है। उन्हें कई बार चेतावनी मिलती रही है लेकिन उनके बर्ताव में कोई सुधार नहीं आया है। शीतकालीन सत्र के दौरान बीजेपी विधायक को लेकर काफी हंगामा हुआ था।
ओपी शर्मा ने सदन में आप विधायक अलका लांबा पर कमेंट करते हुए उन्हें ‘रातभर घूमने वाली महिला’ बताया था। आप विधायकों ने शर्मा को सस्पेंड करने की मांग की थी। इसके बाद बीजेपी विधायक को सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया गया था और पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। इससे पहले शर्मा के खिलाफ विधानसभा में एक माइक तोड़ने के मामले में भी जांच हुई थी और सदन में यह प्रस्ताव पास हुआ था कि माइक को बदलने के लिए जितना खर्च आया है, उसका पैसा विधायक के वेतन से वसूला जाए।
शर्मा ने कहा लोकतंत्र पर हमला : ओपी शर्मा ने एथिक्स कमिटी की इस सिफारिश को ‘लोकतंत्र पर हमला’ बताया है और इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कमिटी में केवल आम आदमी पार्टी के ही विधायक हैं और यह पहले से ही साफ था कि कमिटी क्या सिफारिश करेगी। उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते और उनसे विपक्ष के तीन सदस्य भी बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं। यही कारण है कि साजिश के तहत उन्हें बाहर करने की कोशिश की जा रही है।
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