बिहार में NDA की हार इकॉनमी को झटका नहीं: अरुण जेटली
|गौरतलब है कि 243 सदस्यों वाले बिहार विधान सभा चुनाव में राजग को 58 सीटें मिलीं जबकि महागठबंधन को 178 सीटें। इस गठबंधन में जदयू, राजद और कांग्रेस थे। यह पूछने पर कि क्या बिहार चुनाव केंद्र की नीतियों के लिए जनमत संग्रह था, जेटली ने ईटी नाउ पर एक साक्षात्कार में कहा, ‘जनमत संग्रह शब्द का उपयोग बडी लापरवाही से होता है। हर चुनाव जनमत संग्रह नहीं होगा। किसी राज्य का चुनाव जनमत संग्रह नहीं होता। आप किसी एक मुद्दे पर चुनाव नहीं लड रहे।’
उन्होंने कहा कि भाजपा की मतों की हिस्सेदारी कम नहीं हुई है और महागठबंधन की जीत इसलिए हुई कि विभिन्न विपक्षी दल एकजुट हो गए। सुधार प्रक्रिया के संबंध में जेटली ने कहा कि सरकार अधिशासी पहलों और बजट प्रावधानों के जरिए इसे बरकरार रखेगी।
अगला आम बजट फरवरी 2016 में पेश किया जाएगा। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक जैसे बड़े विधेयकों के अटके होने के संबंध में उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार खपत करने वाला राज्य है, इसलिए विधेयक का समर्थन करेगा।
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि बिहार चुनाव का नतीजा किसी भी तरह से अर्थव्यवस्था के लिए झटका है। यदि नीतिश कुमार के नेतृत्व में बिहार प्रगति करता है और अच्छी प्रगति करता है तो हमने राज्य के लिए जिस आर्थिक पैकेज की घोषणा की है इससे निश्चित तौर पर मदद मिलेगी।’
जेटली ने कहा, ‘हमारी सरकार उन राज्यों की अधिक मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिन्हें विकास की जरुरत ज्यादा है।’
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