बिहार की मध्यकालिक आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत, राष्ट्रीय औसत से बेहतर
|बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के प्रथम दिन आज वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सदन के पटल राज्य का आर्थिक सवेक्षण रखा। उन्होंने बात में पत्रकारों को बताया कि 2011-12 से 2015-16 के बीच प्रदेश के जीएसडीपी की औसत वार्षिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही है जबकि राष्ट्रीय जीडीपी की वृद्धि का औसत इस दौरान 6.8 प्रतिशत रहा।
सिद्दीकी ने कहा कि बिहार देश के सबसे तेजी विकास दर वाले राज्यों में से एक है। बिहार की अर्थव्यवस्था में हाल के दशक में दिखा आवेग पिछले वर्ष भी जारी रहा। राष्ट्रीय आय और राज्यों की आय दोनों के लिए 2011-12 का आधार वर्ष के बतौर उपयोग करते हुए केंद्रीय संाख्यिकी संगठन ने हाल ही में जीएसडीपी के अनुमानों की नई श्रृंखला जारी की है। नए अनुमानों के अनुसार बिहार के लिए सकल राज्य घरेलू उत्पाद की मध्यकालिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत थी जबकि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए यह 6.8 प्रतिशत थी।
वर्ष 2015-16 में बिहार में प्रति व्यक्ति आय 2015-16 में राष्ट्रीय औसत का लगभग 35 प्रतिशत थी जबकि एक दशक पहले यह लगभग 33 प्रतिशत थी। वर्ष 2015-16 में बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 3.27 लाख करोड रुपये और वर्तमान मूल्य पर 4.14 लाख करोड रुपये थी। प्रति व्यक्ति आय 2011-12 के स्थिर मूल्य पर 29190 रुपये और वर्तमान मूल्य पर 39944 रुपये है।
सिद्दीकी ने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था के विकास के वाहक रहे विनिर्माण :17.7 प्रतिशत:, बिजली गैस और जलापूर्ति :15.2 प्रतिशत:, व्यापार, मरम्मत, होटल और जलपाणगृह :14.6 प्रतिशत:, परिवहन भंडारण और संचार :12.6 प्रतिशत: का विकास दर 10 प्रतिशत से अधिक रहा।
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