बिल प्रिंटिंग में इस्तेमाल होने वाले कागज को लेकर निशाने पर सरकार
|शेरविन फर्नांडिज ने एक महीने पहले एक मशहूर दुकान से इयरफोन खरीदा जो अब काम नहीं कर रहा। 22 साल की शेरविन ने जब इसे बदलवाने के ख्याल से बिल निकाला तो वह पूरी तरह सफेद हो चुका था। मजगांव निवासी शेरविन कहती हैं, ‘मैं ऐसे बिलों को संभालकर रखती हूं, लेकिन इसके साथ कुछ नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसकी लिखावट ही मिट गई है। दुर्भाग्य से हमने कैश पेमेंट किया था, इसलिए हमारे पास कोई रिकॉर्ड भी नहीं है। मेरा 1,500 रुपया पानी में चला गया।’
शेरविन उन हजारों ग्राहकों में एक हैं जो ऐसे मौकों पर दुकानदारों के सामने दावा नहीं ठोक पाते हैं क्योंकि दुकानदार उन्हें थर्मल पेपर वाले बिल ही दे रहे हैं जबकि सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने साल 2015 में ही इस पेपर पर बिल बनाने से मना कर दिया था। दरअसल, लाइट पड़ने या गरमी की वजह से थर्मल पेपर की लिखावट तुरंत मिट जाती है।
ऐसी ही कुछ शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए कन्ज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (सीजीएसआई) ने सेल्स टैक्स डिर्पाटमेंट को पत्र लिखकर बिल और कैश मेमो में थर्मल पेपर के इस्तेमाल का चलन खत्म करने पर जोर दिया। सीजीएसआई सरकारी सहायता प्राप्त संगठन है। यह ग्राहकों के हित में काम करनेवाली देश की पहली और अग्रिम संस्था है।
सीजेएसआई के सेक्रटरी एम एस कामत ने कहा कि उनके पास कई शिकायतें आईं जब थर्मल पेपर वाले बिल की वजह से ग्राहक वारंटी क्लेम फाइल नहीं कर सके। उन्होंने कहा, ‘ग्राहकों ने सरकार को इसकी जानकारी दी। ग्राहकों को खासकर वॉरंटी वाले प्रॉडक्ट्स पर ज्यादा मुश्किल होती है। सही बिल नहीं होने की वजह से ग्राहक उपभोक्ता फोरम में शिकायत नहीं कर पाते हैं।’
कामत ने कहा कि 29 अक्टूबर 2015 को जारी सर्कुलर में सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स के दायरे में आनेवाले सभी डीलरों को कहा था कि वो थर्मल पेपर वाले इनवाॉइस, बिल और कैश मेमो देना बंद करें। हालांकि, कुछ डीलर पैसे बचाने के लिए सस्ते थर्मल पावर का इस्तेमाल अब भी कर रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने सीजीएसआई की ओर से भेजे गए पत्र पर सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मिरर ने भी सेल्स टैक्स कमिश्नर को एक के बाद एक कई कॉल और मेसेज किए, लेकिन खबर प्रकाशित होने तक कोई जवाब नहीं आया।
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